मुंबई. महाराष्ट्र में बदले सियासी समीकरणों के बीच कैबिनेट विस्तार को लेकर घमासान मच गया है. इस घमासान में शिंदे गुट के विधायकों को सबसे ज्यादा चिंता हो रही है. अनुमान के मुताबिक, महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार अगले कुछ दिनों के भीतर होना है. ऐसे में एनसीपी से आए नेताओं को मंत्री बनाने के बाद अब उनको विभाग भी दिया जाना है.
सूत्रों के मुताबिक, शिंदे गुट के विधायकों ने शनिवार की देर रात को अहम बैठक कर अभी पार्टी को यह तक अल्टीमेटम दे दिया कि अगर उनके विधायकों को मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री की जगह नहीं मिलती है तो पिछले एक साल से उनकी पार्टी के बने मंत्रियों को हटाकर नए विधायकों को मंत्री बनाया जाए. शिंदे गुट की ओर से आए इस अल्टीमेटम से अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में मंथन का दौर जारी है.
शिंदे गुट के विधायकों के कैबिनेट मंत्री बनने की राह में रोड़ा
महाराष्ट्र में पिछले हफ्ते एनसीपी के अजित पवार सरकार में शामिल हो गए. उनको मिलाकर नौ विधायकों ने मंत्रिमंडल में शामिल होकर मंत्री पद की शपथ भी ले ली. एनसीपी के विधायकों के मंत्रिमंडल में शामिल होने से अब होने वाला नया मंत्रिमंडल विस्तार फंस गया है. दरअसल, शिंदे फडणवीस सरकार में आठ विधायकों के शपथ लेने के साथ कैबिनेट मंत्रियों का कोटा पूरा हो गया है.
सूत्रों के मुताबिक, इसी पूरे हुए कोटे को लेकर शिंदे गुट के विधायकों में जबरदस्त नाराजगी है. पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसको लेकर शनिवार की रात को और रविवार सुबह पार्टी के प्रमुख नेताओं की एक बैठक हुई है. इस बैठक में चर्चा इस बात की हुई कि जब तक मंत्रिमंडल का विस्तार ना हो तब तक एनसीपी से आए विधायक, जो मंत्री बन गए हैं उनको विभागों का आवंटन ना किया जाए. इसके पीछे उनका तर्क है कि अगर एनसीपी के आए विधायकों को मंत्रिमंडल में विभाग का बंटवारा हो जाता है तो अहम विभाग एनसीपी के खाते में जा सकते हैं.
कैबिनेट मंत्री का मिला था भरोसा, अब राज्यमंत्री पर हो रहा समझौता
उद्धव ठाकरे की शिवसेना से टूट कर आए एकनाथ शिंदे कि शिवसेना के विधायकों में लगातार नाराजगी बढ़ती जा रही है. पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही बैठकों में इस बात का जिक्र सबसे ज्यादा किया जा रहा है कि उनके साथ आए विधायक जो कि पुरानी सरकार में मंत्री भी थे उनको दोबारा मंत्रिमंडल में जगह मिलने के रास्ते बंद होते जा रहे हैं. पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बात को लेकर मंथन भी हो रहा है और विधायकों में नाराजगी भी है कि वह राज्यमंत्री क्यों बनेंगे जब वह पुरानी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे और उनको कैबिनेट मंत्री बनने का भरोसा भी दिलाया गया था.
एक साल से कैबिनेट मंत्री बने नेताओं को हटाया जाए
पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों की बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि अगर अब शिंदे गुट से कैबिनेट मंत्री बनाने का कोटा खत्म हो गया है तो उनके साथ आए एक साल से बने कैबिनेट मंत्रियों को हटाकर नए विधायकों को कैबिनेट मंत्री बनाया जाए. सूत्रों के मुताबिक इस बात की चर्चा जरूर हुई लेकिन यह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के लिए बड़ा कठिन और चुनौतीपूर्ण फैसला हो सकता है.
निर्दलीय विधायकों ने भी खोला मोर्चा
शिंदे गुट के साथ आए निर्दलीय विधायकों ने भी अब मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, शिंदे गुट के साथ हुई बैठक में निर्दलीय विधायक बच्चू कुडू और आशीष जैसल ने तो यह तक कह दिया कि अगर उनको मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलती है तो वह और उनके साथी विधायक आगे के लिए अपने नए रास्ते भी चुन सकते हैं.
उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने चला यह दांव
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि जिस तरीके से शिंदे गुट में शामिल हुए विधायक ने अंदर ही अंदर मोर्चाबंदी शुरू की है. उसका फायदा उद्धव ठाकरे की शिवसेना उठा सकती है. शिंदे गुट की इसी आपसी कलह पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना के सांसद विनायक राउत ने दावा किया था कि शिंदे गुट के आठ विधायक उनके संपर्क में हैं. राउत का दावा था कि सभी विधायकों ने उद्धव ठाकरे से संपर्क किया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-