WCREU ने 1960 की ऐतिहासिक रेल हडताल की 63वीं वर्षगांठ पर अमर शहीदों को किया याद, दी श्रद्धांजलि

WCREU ने 1960 की ऐतिहासिक रेल हडताल की 63वीं वर्षगांठ पर अमर शहीदों को किया याद, दी श्रद्धांजलि

प्रेषित समय :18:45:15 PM / Tue, Jul 11th, 2023

कोटा. ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) के आव्हान पर आज देशभर में 1960 की ऐतिहासिक रेल हड़ताल की 63वीं वर्षगांठ पर रेल कर्मचारियों ने इस हड़ताल में शहीद हुये रेल कर्मचारियों को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की.

वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के सहायक मंडल सचिव नरेश मालव ने बताया कि इस श्रृंखला में आज मंगलवार 11 जुलाई को कोटा मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर यूनियन की शाखाओं द्वारा कार्यक्रम आयोजित कर अमर शहीदों को याद किया गया.

कोटा लॉबी प्रांगण में शाखा सचिव आई.डी.दुबे, मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय एवं रेलवे चिकित्सालय में डीआरएम शाखा अध्यक्ष राजकुमार सरसिया, कोटा वर्कशॉप में यूनियन के जोनल उपाध्यक्ष अरविन्द सिंह एवं शाखा अध्यक्ष घनश्याम मीणा, कोटा यार्ड में कैरिज एण्ड वैगन शाखा अध्यक्ष दीपक राठौर एवं सचिव सुनील झा के नेतृत्व में गेट मीटिंग आयोजित कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अपिर्त की गई एवं हड़ताल के ऐतिहासिक महत्व के बारे में कर्मचारियों को बताया गया. इसी प्रकार  सवाईमाधोपुर में शाखा अध्यक्ष जनाबुद्दीन के नेतृत्व में एसएसई पावर तथा टीआरडी विभाग में, छोटी उदई स्टेशन पर इमरान खान, बूंदी शाखा के माण्डलगढ़ में शाखा अध्यक्ष देवीलाल जाट के नेतृत्व में इस अवसर पर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.

इसलिए 1960 की हड़ताल है ऐतिहासिक : काम. गालव

यूनियन के महामंत्री काम. मुकेश गालव ने बताया कि 1960 की ऐतिहासिक हड़ताल में रेल कर्मचारियों से जुड़ी महत्वपूर्ण मांगे जैसे न्यूनतम वेतन, डीए का भुगतान, केंद्रीय कर्मचारियों की सुविधाओं एवं अधिकार में कटौती, एक उद्योग में एक यूनियन तथा औद्योगिक विवादों को सुलझाने हेतु विभागवार बोर्ड की स्थापना जैसे विषयों को सरकार के समक्ष उठाया गया था, जिन पर निर्णय नहीं होने के कारण रेल कर्मचारियों को ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के नेतृत्व में रेल हड़ताल को मजबूर होना पड़ा जो 11-12 जुलाई 1960 की मध्य रात्रि का प्रारंभ हुआ. इस हड़ताल में पश्चिम रेलवे के दाहोद स्टेशन पर 5 रेल कर्मचारी पुलिस की गोलियों का शिकार होकर वीरगति को प्राप्त हुए जिनकी स्मृति में प्रत्येक वर्ष आज के दिन इन शहीदों को याद कर मजदूर आन्दोलन के गौरवशाली इतिहास की गाथा को आम मजदूरों तक यूनियन द्वारा पहुंचाया जाता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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