अभिमनोज. सुप्रीम कोर्ट चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, ने सोमवार को मणिपुर हिंसा और महिलाओं पर यौन हमले के वायरल वीडियो पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से न केवल कई सवाल पूछे हैं, उन्होंने यह भी कहा है कि- मणिपुर में जो हुआ, उसे हम यह कहकर उचित नहीं ठहरा सकते कि ऐसा तो बंगाल, राजस्थान में भी हुआ है!
सुप्रीम कोर्ट में चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का यह कहना एकदम सही है कि- मणिपुर में जो कुछ हुआ, उस पर ये तर्क नहीं दिया जा सकता कि देश के अन्य हिस्सों में भी ऐसा हो रहा है.
उल्लेखनीय है कि.... सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस के नेतृत्व में एक बेंच मणिपुर हिंसा पर प्रस्तुत की गई कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है.
खबरों की मानें तो..... इस सुनवाई के दौरान चीफ़ जस्टिस ने कहा कि- हम मणिपुर में जातीय संघर्ष के दौरान महिलाओं के खिलाफ अप्रत्याशित तौर पर हिंसा देख रहे हैं, इस मामले में बंगाल और दूसरे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ़ हिंसा का उदाहरण दिया जा रहा है, लेकिन यह मामला अलग है, कहीं दूसरी जगह महिलाओं पर हो रही हिंसा का हवाला देकर मणिपुर के मामले को सही नहीं ठहराया जा सकता, आप तो यह बताइए कि- मणिपुर के हालात सुधारने के लिए क्या किया जा सकता है?
इस संबंध में चीफ़ जस्टिस चंद्रचूड़ ने सरकार की ओर से पेश हुए तुषार मेहता से पूछा कि- घटना 4 मई 2023 की है और ज़ीरो एफ़आईआर 18 मई 2023 को हुई है, पुलिस को 14 दिन क्यों लगे एफ़आईआर करने में? और.... पुलिस 4 से 18 मई 2023 के बीच क्या कर रही थी?
खबरों पर भरोसा करें तो सॉलिसिटर जनरल मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि- वीडियो वायरल होने के 24 घंटे में 7 गिरफ़्तारियां हुईं.
जब कोर्ट ने यह भी पूछा कि- अब तक कुल कितनी एफ़आईआर दर्ज हुई हैं, तो.... तुषार मेहता ने बताया कि अब तक उस थाने में 20 एफ़आईआर दर्ज हुई हैं और राज्य में 6000 से ज्यादा एफ़आईआर दर्ज हुई हैं.
जाहिर है, जो जानकारी सामने आ रही है, वह बहुत गंभीर और भयानक है, जिसकी तुलना किसी अन्य राज्य से नहीं की जा सकती है.
ऐसी गंभीर घटनाएं हो जाने के बाद भी केंद्र और राज्य सरकार का लापरवाह रवैया आश्चर्यजनक है, क्या अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौन रहेंगे?
#मोदी_जी_जवाब_दो इस वक्त सबसे बड़ा सवाल- पीएम मोदी मणिपुर पर मौन क्यों हैं?