नई दिल्ली. भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र के सेवा अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेजा है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने आदेश पारित किया.
सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा 5 जजों की बेंच संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने वाले 2019 के फैसले को चुनौती देने की कार्यवाही के समापन के बाद अध्यादेश की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करेगी. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार जीएनसीटीडी की ओर से उपस्थित हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तर्क दिया कि एक संदर्भ का मतलब यह नहीं है कि एक संदर्भ आवश्यक नहीं है क्योंकि इस मुद्दे पर तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा निर्णय लिया जा सकता है. सिंघवी ने दलील दी कि अध्यादेश अनुच्छेद 239ए के प्रावधानों के खिलाफ है क्योंकि यह निर्वाचित सरकार की शक्तियों को कमजोर करता है. दिल्ली उपराज्यपाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अवैध नियुक्तियां की थीं जिन्हें उपराज्यपाल ने समाप्त कर दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में अभी भी बाढ़ का खतरा बरकरार: मथुरा-आगरा में भी बाढ़, पहाड़ी राज्यों में फिर भारी बारिश
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