पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में पुलिस विभाग के तीन बड़े साहब इन दिनों चर्चाओं का केन्द्र बने है. एक छोटे साहब जो अपना क्षेत्र तो छोड़ों दूसरे के थाना क्षेत्र में भी पहुंचकर कार्यवाही करने में बड़े ही माहिर है. यह बात अलहदा है, वे ऐसा तभी करते है जब कोई लाभांश की उम्मीद हो. साहब को लाभांश दिखा और जिस थानाक्षेत्र में उन्होने कार्यवाही की, वे वहां पर लम्बे समय तक रह भी चुके है. इस बात का फायदा उठाते हुए साहब ने एक हवाला कारोबारी को पकड़ा, जिसके कब्जे से जब्ती की गई रकम को 25 तिया 75 के हिसाब से पहाड़ा पढ़कर बंटवारा भी कर लिया. इस पढ़े गए पहाड़े की चर्चा अब पुलिस विभाग में ही जोर-शोर से चल रही है.
पुलिस अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक के बीच चल रही चर्चाओं से छनकर आ रही खबर यह रही है कि शहर दक्षिण क्षेत्र के एक थाना के साहब जिन्हे जबलपुर इतना पसंद है. उनका कहीं और मन ही नहीं लगता है, वे कहीं भी चले जाए कुछ दिन बाद जबलपुर बाद जबलपुर आ ही जाते है. खैर जबलपुर है ही ऐसा शहर जहां से जाने का मन किसी का नहीं होता है. वह भी ऐसे समय में जब सफेदपोश नेता से लेकर बड़े साहब लोग से खास बनती हो तो. अब देखिए है दक्षिण के एक थानाक्षेत्र के साहब ने अपनी सक्रियता का परिचय देते हुए दूसरे थानाक्षेत्र में इन्ट्री मारकर बड़े ही चर्चित हवाला कारोबारी को पकड़ा, जब हवाला कारोबारी की कार की तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान नोटों की जो गड्डियां सामने आई साहब की आंखे ही चौंधिया गई. साहब ने हवाला कारोबारी से पूछताछ करने के बजाय कुछ ऐसा किया जो हवाला कारोबारी भी बच निकला और साहब सहित अन्य दो साहबों की चांदी हो गई. कार से पकड़े गए डेढ़ करोड़ रुपए में 75 लाख तो हवाला कारोबारी को लौटा दिए. बाकी की रकम का बड़ी ही ईमानदारी से बंटवारा कर लिया गया, यह बटवारा भी बराबर का रहा, यानि 25 तिया 75. अच्छा सबसे अच्छी बात है कि दूसरे थानाक्षेत्र में की गई कार्यवाही पर कोई सवाल खड़े न हो, इसके बाद थाना के इन साहब ने हवाला कारोबारी पर 12 बॉटल शराब पकड़े जाने का मामला भी कायम कर लिया. देखा ऐसी है साहब की जादूगरी जिसकी खबर कई कानों तक पहुंची लेकिन वह बड़े साहबों तक नहीं पहुंच पाई. यह बात अलहदा है कि इस बंदरबाट में दो बड़े साहब भी है, अब बात यह है कि उन साहबों से पूछेगा का कौन, कौन को अपनी नौकरी चटवाना है. खैर जो भी हवाला कारोबारी के आखिर 75 लाख गए तो 75 बच भी गए. नहीं तो कौन से मामले में उलझ जाता उसको पता भी चलता. वहीं थाना के इन साहब को यह पहाड़ा पढऩे का फायदा भी खूब मिला, एक ओर तो 25 लाख मिले, दूसरी ओर करीब का जिला मिल गया जिससे जबलपुर का मोह भी नहीं छूट पाएगा. फिर विधानसभा व लोकसभा चुनाव के बाद जबलपुर वापसी भी हो जाएगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-Jabalpur: सुनील श्रीवास्तव जबलपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम बने
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