पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में सिविल लाइन स्थित संभागीय कमिश्रर आफिस में आज लोकायुक्त पुलिस की टीम ने सहायक ग्रेड थ्री कर्मचारी महेन्द्र कुमार मिश्रा को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है. रिश्वतखोर बाबू महेन्द्र कुमार मिश्रा एक मकान को लेकर एसडीएम कोर्ट में लगे स्टे को हटवाने के 25 हजार रुपए की मांग कर रहा था, 20 हजार रुपए में सौदा तय हुआ था, जिसे आज लोकायुक्त टीम ने पकड़ा है.
लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने बताया कि अभिषेक पाठक के बड़े भाई अजय कुमार पाठक का चौकीताल भड़पुरा में मकान है. जिसपर एसडीएम जबलपुर द्वारा बेदखली का आदेश किया गया था. इस संबंध में कमिश्रर कार्यालय में अपील की गई. उक्त आदेश के विरुद्ध स्टे प्रदान करने के एवज में कमिश्रर कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड थ्री महेंद्र पिता स्वर्गीय चंद्रिका प्रसाद मिश्रा उम्र 58 वर्ष द्वारा 25 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई. 20 हजार रुपए में सौदा तय हुआ. इस बात की शिकायत अभिषेक पाठक ने लोकायुक्त एसपी संजय साहू ने की, इसके बाद आज दोपहर 12 बजे के लगभग अभिषेक पाठक ने बाबू महेन्द्र मिश्रा को 20 हजार दी, तभी लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरवड़े, इंस्पेक्टर स्वप्रिल दास, मंजू तिर्की सहित अन्य अधिकारियों ने दबिश देकर रंगे हाथ पकड़ लिया. बाबू महेन्द्र कुमार मिश्रा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े जाने की खबर से आफिस में हड़कम्प मच गया. देखते ही देखते आफिस के कर्मचारियों की भीड़ एकत्र हो गई.
12 जनवरी को एक बाबू 65 हजार रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया था-
गौरतलब है कि संभागीय कमिश्रर कार्यालय में करीब 4 माह पहले 12 जनवरी को भी बाबू चंद्रिका प्रसाद दीक्षित को 65 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस की टीम ने रंगे हाथ पकड़ा था. कुल मिलाकर सात माह में संभागीय कमिश्रर कार्यालय दो बाबू रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-Jabalpur: सुनील श्रीवास्तव जबलपुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम बने
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