गुजरात : ससुर के अंतिम संस्कार में शामिल न होना भी क्रूरता, युवक की तलाक याचिका मंजूर

गुजरात : ससुर के अंतिम संस्कार में शामिल न होना भी क्रूरता, युवक की तलाक याचिका मंजूर

प्रेषित समय :20:24:06 PM / Sun, Aug 6th, 2023

सूरत. ससुर के अंतिम संस्कार में शामिल न होना भी क्रूरता माना जाता है, यह देखते हुए कोर्ट ने युवक की तलाक की अर्जी मंजूर कर ली. अदालत ने कहा कि विवाह के अधिकार से इनकार करना भी पति के प्रति क्रूरता के बराबर है.

मामले का विवरण यह है कि डिंडोली इलाके में रहने वाले हितेश (बदला हुआ नाम) की शादी 2011 में हिरल सुरती (बदला हुआ नाम) से हुई थी. शादी के कुछ समय बाद हीरल का छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होने लगा. हितेश को लगता था कि समय के साथ हीरल में सुधार होगा. लेकिन उसके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया. इसके बाद उसकी प्रताडऩा दिन-ब-दिन बढऩे लगी. वह घर में खाना भी नहीं बनाती थी. वह अपने पति के साथ बाहर भी नहीं जाती थी. वह हितेश से कहती थी कि मैं तुमसे शादी नहीं करना चाहती.

हिरल ने एक बार हितेश को जोर से धक्का दिया और वह नीचे गिर गया और हितेश के हाथ में फ्रैक्चर हो गया. उसके बाद हीरल के पियरे छोडऩे के बाद हितेश के पिता की मृत्यु हो गई. इसकी जानकारी हीरल को दी गई. हालांकि, वह अपने ससुर के अंतिम यात्रा के किसी भी समारोह में शामिल नहीं हुईं.

इसलिए, हितेश ने वकील प्रीति जोशी और तृप्ति ठक्कर के माध्यम से फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए आवेदन किया. अदालत ने कहा कि ससुर के अंतिम संस्कार में शामिल न होना भी क्रूरता माना जाता है. इसके अलावा पत्नी द्वारा पति को शादी के अधिकार का आनंद न लेने देना भी पति के प्रति क्रूरता के समान है. अदालत ने शिकायतकर्ता के वकील की दलीलों को स्वीकार कर लिया और तलाक की याचिका मंजूर कर ली.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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