राजकोट, शहडोल. विश्व अदिवासी दिवस के मौके पर गुजरात पुलिस को भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. राजकोट के मेटोडा स्थित एक केबल फैक्ट्री में चोरी के आरोप में मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के एक दर्जन से ज्यादा आदिवासी मजदूरों को बेरहमी से पीटा गया. इसके बाद उन्हें बंधक रखा गया. बाद में इन सभी आदिवासियों को मध्य प्रदेश भेज दिया गया.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस मामले को जोर-शोर से उठाने पर पूरा घटनाक्रम सामने आया है. कमलनाथ ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जानना चाहता हूं कि इन आदिवासी युवकों के साथ किए गए इस बेरहमी पूर्ण व्यवहार पर क्या उन्होंने अब तक कोई कार्यवाही की है? तो इधर गुजरात में शुरुआती पड़ताल में सामने आया है कि इन मजदूरों ने पिटाई के बाद राजकोट जिला पुलिस को शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने फैक्ट्री मालिक और आरोपियों पर एक्शन लेने की बजाए समझौता करा दिया. इस पूरे मामले के खुलासे के बाद अब हड़कंप की स्थिति है. राजकोट में ज्यातती का शिकार हुए आदिवासी मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के रहने वाले हैं.
यह है पूरा मामला
राजकोट जिले के मेटोडा की एक केबल फैक्ट्री से 891 किलो स्क्रैप चोरी हो गया था. यह स्क्रैप तांबे का था. 4 अगस्त को कंपनी ने इस मामले में उत्तर प्रदेश के कर्मचारी शंकर नामदेव से पूछताछ की. आरोप है कि शंकर अपने साथ काम करने वाले संतलाल, मुकेश, शिवम और प्रेमलाल पर चोरी का आरोप लगाया. पीडि़तों का कहना है कि इसके बाद कंपनी ने हम सभी को बंधक बना लिया और हमारे आधार कार्ड और मोबाइल जब्त कर लिए. कंपनी के ड्राइवर और मैनेजर ने केबलों पिटाई की. सूत्र बताते हैं इन आदिवासी मजदूरों ने एक परिचित के जरिए राजकोट जिला पुलिस के पाड़ थान पुलिस तक अपनी शिकायत पहुंचाई थी. पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाए दोनों पक्षों में लिखित समझौता करवा दिया. इसके बाद थोड़ा-बहुत उपचार करवाकर इन्हें मध्य प्रदेश की ट्रेन में बैठा दिया गया. आदिवासी घायल अवस्था और गंभीर चोटों के साथ 5 अगस्त को मध्य प्रदेश के लिए रवाना हुए.
छह महीने से कर रहे थे काम
राजकोट के केबल फैक्ट्री में जिन आदिवासी मजदूरों की पिटाई की गई वे कंपनी में पिछले छह महीने से कमा कर रहे थे. मामले के खुलासे के बाद मध्य प्रदेश में एक जीरो एफआईआर दर्ज की गई है. इसकी जानकारी मध्य प्रदेश के अतिरिक्त महानिदेशक (शहडोल रेंज) डी सी सागर ने दी है. सागर ने एक बयान में कहा है कि हमने फखरुद्दीन, धवल और दीपक नाम के तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 294, 323, 506 और 34 के तहत जीरो एफआईआर दर्ज कर राजकोट पुलिस स्टेशन को भेज दी है. 15 आदिवासी युवकों की पिटाई के मामले में राजकोट पुलिस आगे की कार्रवाई करेगी.
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