घर के देवता बंधन में हैं, यह कैसे पता चलेगा?

घर के देवता बंधन में हैं, यह कैसे पता चलेगा?

प्रेषित समय :20:57:45 PM / Sat, Aug 19th, 2023

घर के देवता बंधन में हैं, यह कैसे पता चलेगा? वे बंधन मुक्त कैसे हो सकते हैं? पितरों को खोलने का मंत्र , कुलदेवी को खोलने का मंत्र क्या है.
घर की कुलदेवी देवता, इष्ट देवता ,पितृ देव आदि सहायक आत्माएं है , जो हमारी रक्षा करती है ,परिवार में तरक्की ,खुशहाली लाती हैं .
जिस तरह से उन्हें पूजा ,भोग मान्यता इत्यादि से संतुष्ट किया जाता है, उसी प्रकार उन्हें मंत्रों तंत्रों द्वारा बांधा भी का सकता है, अथवा उनसे अधिक शक्तिशाली शक्तियों के प्रयोग से उन्हें त्रस्त भी किया जाता है.
अक्सर ऐसा तब होता है जब कोई परिवार का सदस्य अथवा जिसे आपके परिवार की पूर्ण जानकारी हो , और उसको पता हो ,आप किस देव या देवी की पूजा करते हो. तंत्र प्रयोग से आपके परिवार के देवता आदि को बांध देते है. 
कैसे पता करे कि देवता बंधे हुए है ?
यदि कुलदेवी , देवता बंधन में हों तो , कुछ वर्षों तक कोई ख़ास अंतर नजर नहीं आता. 
लेकिन धीरे-धीरे जब कुल देवी या देवता का घर-परिवार पर से आशीर्वाद / उनका आध्यात्मिक सुरक्षा चक्र हटता है , तो परिवार में आकस्मिक दुर्घटनाएं , नकारात्मक ऊर्जा, बाहरी बाधाओं का बेरोक-टोक प्रवेश शुरू हो जाता है. 
घर-परिवार की उन्नति रुकने लगती है ,हर एक काम में बाधा आने लगती है. संस्कारों का क्षय, बच्चों में नैतिक पतन, घर परिवार में कलह, अशांति का वास होने लगता है.
ग्रह-नशत्र का मेल अच्छा होते हुए भी परिवार का कल्याण नहीं होता ,कोई मंगल कार्य नहीं होता . 
लक्ष्मी माता का आशीर्वाद नहीं रहता , व्यापार में , धन माया में बरकत नहीं होती. शादी विवाह में अड़चन आम बात है .
यदि देवता बंधन में है तो कैसे मुक्त होंगे ?
इसका उत्तर सीधा नहीं है. बंधन कैसा है, किस शक्ति आदि का है, कैसा प्रयोग हुआ है आदि को जानकार ही बंधन खुलते है. 
कुछ बंधन तो समयावधि बीत जाने पर स्वतः ही खुल जाते है , कुछ मामूली पूजा पाठ से , तो किसी के लिए कुछ प्रयोग आदि भी करने पड़ते है. 
 यह सभी इस बात पर निर्भर है कि कैसे कर्म हुए है बांधने के लिए और क्यों.
देव बंधन मुक्ति के 10 चमत्कारिक उपाय :
बहुत से लोग खुद को बंधा-बंधा महसूस करते हैं. कुछ लोग किसी के दाबव में रहते हैं और कुछ किसी के प्रभाव में.
कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि इतना कर्म करने के बाद भी कोई परिणाम नहीं मिल रहा है. उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने प्रगति को बांध रखा है.
कुछ लोग जेल में नहीं है फिर भी किसी न किसी बंधन में रहते हैं. कुछ लोगों पर कोर्ट में मुकदमा चल रहा है तो कुछ पर कर्ज का बंधन है. 
ऐसे में जिंदगी ऐसी लगती है जैसे किसी ने बांधकर पटक दिया हो. कहीं से भी कोई रास्ता नजर नहीं आता.
ऐसे स्थिति के लिए हम लाए हैं आपके लिए बंधन मुक्त करने के 10 उपाय !
1 - अपने कुल देवी या देवता के बंधन का सिद्ध उपाय ,तुरंत असर करता है :
कुल देवी या देवता के स्थान पर जाकर एक साबूत नींबू लें और उसको अपने उपर से 21 बार वार कर उसे दो भागों में काटकर एक एक भाग दोनों हाथों में लें. दाएं हाथ वाला , कटा हुआ निम्बू बायीं तरफ ,बाएं हाथ वाला , कटा हुआ निम्बू दायीं तरफ फेंक दीजिए.
यदि घर के देवताओं को बांधा गया है तो ये रामबाण उपाय है . इसके बाद कुलदेवी या देवता से क्षमा मांग कर वहां अच्छे से पूजा पाठ करें या करवाएं और सभी को दान-दक्षिणा दें.
2 - माता लक्ष्मी जी का बंधन खोलने का उपाय !
शुक्ल पक्ष की अष्टमी अथवा किसी भी शुक्रवार के दिन एक लकड़ी की चौकी या पाटे पर एक लाल वस्त्र बिछाएं. उस पर माँ काली का एक चित्र स्थापित करें.
पाटे या चौकी के चारों कोनो पर एक एक उड़द की ढेरी बना कर उस पर एक एक लघु नारियल स्थापित करें.
गणेश पूजा के बाद फिर मां काली का पंचोपचार पूजा करें. चंदन की धूप या धूनी जलाएं. मां को खीर का भोग अर्पित करें. इस तरह विधिपूर्वक 5 शुक्रवार या 1  शुक्ल पक्ष की अष्टमी को माता काली की पूजा करें. आपकी समस्या समाप्त हो जाएगी.
3 - कर्ज बंधन मुक्ति के लिए - पक्षियों को मुक्त करें !
पिंजरे में आप किसी पक्षी को ले जाते हुए देखें या कोई पक्षी पिंजरे में है , तो आप उन पक्षियों को लेकर उन्हें आजाद कर दें. इस कार्य से आपके ऊपर कैसा भी कर्ज हो आप उसके बंधन से मुक्त हो जाएंगे. 
यदि आपने अपने घर में किसी पक्षी को पिंजरे में कैद कर रखा है.  तो आप आज नहीं तो कल कभी भी भयंकर कर्ज के बोझ तले दब जाएंगे. उसको आजाद कीजिए. 
4 - हमेशा एकादशी और प्रदोष का व्रत रखें !
हिन्दू धर्म में एकादशी और प्रदोष का व्रत , आपके राहु, चंद्र और शनि के खराब असर को बेअसर कर शुभ में बदल देता है. 
प्रत्येक पक्ष (शुक्ल और कृष्ण पक्ष) के ग्यारस और त्रयोदशी को विधिपूर्वक व्रत रखेंगे तो निश्‍चित ही आपके उपर का बंधन ‍धीरे धीरे समाप्त होने लगेगा.
5 - बंधन मुक्ति का सबसे उत्तम उपाय - हनुमान चालीसा 
हनुमानजी के भक्त बने रहेंगे तो कभी भी ‍जीवन में बंधन महसूस नहीं करेंगे. प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें. 
मंगलवार या शनिवार को हनुमानजी के मंदिर में जाकर उनकी पूजा करें और उनको चोला और सिंदूर चढ़ाएं. चोला कैसे चढ़ाया जाता है मंदिर का पुजारी बता देगा. 
6 - उत्तम उपाय फलदान कीजिए !
3 तरह के फल लें और उनको ले जाकर मंदिर में रख आएं. भगवान से अपनी सहायता और बंधन मुक्त करने की प्रार्थना करें. ऐसा पांच मंगलवार या गुरुवार को करेंगे तो बंधन से मुक्त हो जाएंगे.
7 - ये बहुत प्रभावशाली है -  सिक्के का उपाय  
जब कभी भी शमशान में जाने का मौका लगे तब आते वक्त कुछ सिक्के पीछे फेंकते हुए आएं. ध्यान रखें कि फेंकते वक्त या फेंकने के बाद मुड़कर पीछे न देखें. इससे आपको देवीय सहायता मिलने लगेगी और आप बंधन मुक्त हो जाएंगे.
8 - व्यक्तिगत बंधन मुक्ति का उपाय  
 व्यक्तिगत बाधा के लिए एक मुट्ठी पिसा हुआ नमक लेकर शाम को अपने सिर के ऊपर से तीन बार उतार लें और उसे दरवाजे के बाहर फेंकें. 
ऐसा तीन दिन लगातार करें. यदि आराम न मिले तो नमक को सिर के ऊपर वार सुनसान जगह पर लिफाफे में बंद करके डाल दें . निश्चित रूप से लाभ मिलेगा.  
9 - तोड़ काले जादू का !
आपको लगता है कि किसी ने काला जादू कर रखा है या घर की प्रगति को बांध रखा है तो इस उपाय से उसका असर खत्म हो जाएगा. किसी भी सोमवार को ऐसे शिव मंदिर में जहाँ कावड़ चढ़ती हो ,ये उपाय करना है.
शिव मंदिर में सफ़ेद आक के 7 पत्ते अर्पित करने हैं. पत्ते रविवार को तोड़ कर लाने हैं ,रातभर घर में जहाँ पूजा करते हो वहां रख दीजिए. सोमवार सुबह मंदिर में चढ़ा दीजिए. 
10 - घर पर हुए तांत्रिक प्रयोग या बंधन की काट है ये यंत्र!
बंधन मुक्ति कवच
कभी कभी  मनुष्य अचानक इतनी परेशानियों और तकलीफों में फंस जाता है , कि कुछ समझ ही नहीं आता ,सारे रास्ते बंद दिखाई देते हैं. 
इसका कारण होता है , तांत्रिक बंधन ,किसी की बद्दुआ अथवा नजर लगना , किसी की हाय लगने से भी जीवन की तरक्की रुक जाती है. 
घर व्यापार में बरकत नहीं रहती . पैसे की तंगी और कर्जा हो जाता है. ऐसी विकट स्थिति में ज्योतिषीय यंत्रों के धारण या पूजा हवन से अवश्य लाभ मिलता है.  
बंधन मुक्ति कवच - बुरी नजर से बचाव तो करता ही है, तंत्र-मंत्र-जादू, टोने के दुष्प्रभाव को काटता है , व शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या की अवधि में विशेष रूप से शुभ रहता है. 
इसके चमत्कारिक प्रभाव से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है | इसको धारण करने वाला हमेशा उन्नति करता है.

Astro nirmal
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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