पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. एमपी की राजधानी भोपाल स्थित बीएसएस कालेज में आज विधिक विचार विमर्श कार्यक्रम का आयोजित किया गया. जिसमें प्रदेश भर से अधिवक्ता शामिल हुए. इस मौके पर पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के नूंह की तरह दंगे कराने की योजना बना रही है. वहीं पीसीसी चीफ व पूर्व सीएम कमलनाथ बोले की एमपी में इस बार भ्रष्टाचार की व्यवस्था से मुलाकात होगा.
पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह ने आगे कहा कि वर्ष 2018 में विवेक तन्खा ने कांग्रेस के समर्थन में हजारों वकील खड़े किए. तब हमने सरकार बनाई थी. एक बार फिर सबसे ज्यादा वकील जुड़े हैं. जिससे उम्मीद है कि हम पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएंगे. अब हमें कोई छोड़ कर नहीं जाएगा. वहीं पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार में भ्रष्टाचार की कोई सीमा नहीं बची है. इस बार भ्रष्टाचार की व्यवस्था से मुकाबला होगा. युवाओं को रोजगार मिलने की घोषणाएं होती हैं, रोजगार नहीं मिलता. झूठ के आश्वासन से जनता का पेट नहीं भरता. आगामी विधानसभा चुनाव मध्यप्रदेश का भविष्य तय करेगा. नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वचन पत्र में अधिवक्ताओं की मांगों को रखा जाएगा, मैने पहली बार इतना बड़ा अधिवक्ता सम्मेलन देखा है.
जिसमें अधिवक्ताओं ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है. आज हमारे संविधान पर हमला हो रहा है उसकी रक्षा आपको करना है. हमारा प्रयास रहेगा कि हम आपकी मांगों को पूरा करें. इस मौके पर वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने अधिवक्ताओं से जुड़ी मांगों को अपने संबोधन में रखा. उन्होने कहा कि अधिवक्ता आज सबसे पसंदीदा हो गया है. युवा इस पेशे में तेजी से आ रहे है. आज एमपी में एक लाख से ज्यादा अधिवक्ता है ये अधिवक्ता किसी भी पार्टी के लिए भाग्यविधाता है. उन्होने आगे यह भी कहा कि कमलनाथ व दिग्विजयसिंह आप अधिवक्ताओं को चुनाव में प्राथमिकता दीजिए हमारी पांच मांगे है, सरकार बनने पर इन्हे पूरा करिएगा. विधिक विमर्श कार्यक्रम में पूर्व सीएम कमलनाथ व दिग्विजय सिंह ने अधिवक्ताओं की समस्याए सुनी, फिर दिग्विजयसिंह ने कमलनाथ को बधाई देते हुए कहा कि उन्होने ड्यूटी लगाई है कि अजय गुप्ता व शशांक शेखर पूरे मध्यप्रदेश के कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के लिए तहसील से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक निशुल्क लड़ेंगे. कांग्रेस विधि विभाग के अध्यक्ष शशांक शेखर ने मंच से मांग रखी कि अधिवक्ताओं के लिए को.ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी होनी चाहिए.
अधिवक्ताओं ने रखी अपनी पांच मांगे-
-अधिवक्ताओं के स्वास्थ्य सुविधा व खर्च की व्यवस्था की जाए.
-कोर्ट परिसर में अधिवक्ताओं के चेम्बर व कमरों के बिजली का बिल सरकार द्वारा उठाया जाए.
-एडवोकेट वेलफेयर एंड प्रोटेक्शन एक्ट लाया जाए. ओल्ड एज पेंशन की व्यवस्था की जाए.
-सहयोग राशि बार काउंसिल व एसोसिएशन को दें.
-नए अधिवक्ताओं को कम से कम 3 साल तक स्टाइपेंड मिले.
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