नई दिल्ली. अगले साल ( 2024) होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने अपनी तैयारी तेज कर दी है. विपक्षी एकता और एकजुटता की संभावनाओं के बीच भाजपा देशभर में अपने वर्तमान सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर फिर से चुनाव जीत सकने वाले सांसदों की लिस्ट को अंतिम रूप देने में जुटी है.
दरअसल, 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 303 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. वर्तमान में लोक सभा में भाजपा के पास 301 सांसद हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो इनमें से 65 से ज्यादा सांसदों की रिपोर्ट कार्ड बहुत अच्छी नहीं है. ऐसे में एंटी-इनकंबेंसी से बचने के लिए भाजपा इन सीटों पर अपने उम्मीदवार बदलने यानी वर्तमान सांसदों का टिकट काटने पर गंभीरता से विचार कर रही है. इनमें से कुछ सांसदों का संसदीय क्षेत्र भी बदला जा सकता है.
आपको याद दिला दें कि मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर भाजपा ने इसी वर्ष 30 मई से 30 जून तक देशभर में एक विशेष जनसंपर्क अभियान चलाया था, जिसमें पार्टी के सभी सांसदों को जुट जाने को कहा गया था. पार्टी के कई सांसदों ने इस कार्यक्रम में पूरे मन से भाग नहीं लिया, जिसकी वजह से भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को वर्चुअली बैठक कर उन सांसदों को फटकार भी लगानी पड़ी थी. यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाजपा संसदीय दल की बैठक में कई बार सांसदों को फटकार लगाते हुए यह कह चुके हैं कि या तो वो अपना रवैया बदलें या फिर बदले जाने के लिए तैयार रहें.
पिछले कुछ महीनों के दौरान देश भर में पार्टी संगठन द्वारा टिफिन बैठक सहित, कई अन्य महत्वपूर्ण अभियान चलाए गए, उसमें भी कई सांसद पार्टी की उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटा पाए थे.
2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के हाई प्रोफाइल नेताओं को हराने वाले कई सांसदों को भी इस बार अपने-अपने संसदीय क्षेत्र में जाकर लोगों से संपर्क करने और स्थानीय संगठन के नेताओं से बेहतर समन्वय स्थापित करने को कहा गया है. संदेश बिल्कुल साफ है कि अगर उनकी रिपोर्ट कार्ड में सुधार नहीं हुआ तो पार्टी उनका टिकट काटने में भी संकोच नहीं करेगी.
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