प्रदीप द्विवेदी. इंडिया टीम के सामने जो चुनौतियां हैं, उसमें सबसे बड़ी चुनौती ईवीएम को लेकर है?
जब-जब चुनावी नतीजे उम्मीद के विपरीत आते हैं, तब-तब ईवीएम का मुद्दा जोरशोर से उठता है, बयानबाजी होती है और फिर सबकुछ ठंडे बस्ते में चला जाता है!
जब भी ईवीएम पर सवालिया निशान लगता है, यह चुनौती दी जाती है कि इसे हैक करके दिखाओ?
लेकिन.... याद रहे, ईवीएम तकनीक साधारण नहीं है और न ही देश में इसके विस्तृत परीक्षण की कोई सुविधा है, इसलिए जिस गड़बड़ी की आशंका है, उसे साबित करना इतना आसान नहीं है, लिहाजा.... बयानबाजी से हटकर विपक्ष को पांच-सात सदस्यों की एक टेक्निकल एक्सपर्ट टीम बनानी चाहिए, जो विदेश जा कर ईवीएम की पूरी तकनीकी जानकारी हासिल करे, यदि हैक करना संभव है तो वह सीख कर आए और फिर सबूत के साथ चुनाव आयोग की चुनौती का जवाब दे?
सियासी सयानों का मानना है कि 2024 का चुनाव ईवीएम से हो जाने के बाद बयानबाजी से कुछ नहीं होगा, अभी कुछ समय है, इस दौरान यदि टेक्निकल एक्सपर्ट टीम ईवीएम हैक करने की जानकारी हासिल कर लेती है, तब तो विपक्ष को चुनावी फायदा होगा, वरना तो ईवीएम का स्मार्ट दुरुपयोग इंडिया टीम के सियासी सपनों को ढेर कर देगा!
इस संबंध में बीबीसी की 28 जनवरी 2019 एक रिपोर्ट बताती है कि.... क्या भारत में ईवीएम मशीनें हैक की जा सकती हैं?
* अमेरिका स्थित एक हैकर ने दावा किया कि साल 2014 के चुनाव में मशीनों को हैक किया गया था. इस चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने भारी बहुमत के साथ जीत दर्ज की थी.
* हालांकि, भारतीय चुनाव आयोग ने इन दावों का खंडन किया है, लेकिन इन मशीनों में तकनीक के इस्तेमाल को लेकर आशंकाएं ज़ाहिर की गई हैं.
* चुनाव आयोग इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के पूरी तरह सुरक्षित होने का दावा करता आया है. लेकिन समय-समय पर इन मशीनों के हैक होने की आशंकाएं सामने आती रही हैं.
* आठ साल पहले, अमरीका की मिशिगन यूनिवर्सिटी से जुड़े वैज्ञानिकों ने एक डिवाइस को मशीन से जोड़कर दिखाया था कि मोबाइल से संदेश भेजकर मशीन के नतीजों को बदला जा सकता है.
* दुनिया में लगभग 33 देश किसी न किसी तरह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की प्रक्रिया को अपनाते हैं और उन मशीनों की प्रामाणिकता पर सवाल उठे हैं.
* वेनेजुएला में साल 2017 के चुनावों में डाले गए मतों की कुल संख्या कथित रूप से असली संख्या से दस लाख ज्यादा निकली. हालांकि, सरकार इसका खंडन करती है.
* अर्जेंटीना के राजनेताओं ने इसी साल मतों की गोपनीयता और नतीजों में छेड़छाड़ की आशंकाएं जताते हुए ई-वोटिंग कराने की योजना से किनारा कर लिया है.
* इराक में साल 2018 में हुए चुनाव के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में गड़बड़ी की खबरों के बाद मतों की आंशिक गिनती दोबारा करवाई गई थी.
* इन चुनावों में मतों की गिनती करने वाली मशीनों में एक प्रोग्राम पाया गया जोकि दूर बैठे सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर को मशीन में फेरबदल करने की सुविधा देता था.
* साउथ कैरोलिना यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर साइंस विभाग के प्रोफ़ेसर डंकन बुएल इसी विषय पर शोध कर रहे हैं.
https://www.bbc.com/hindi/india-47020163
हालांकि.... 2019 के बाद तो तकनीक में काफी बदलाव आए हैं, लिहाजा.... इस आशंका में दम है कि ईवीएम हैक की जा सकती है?
#EVM घोसी उपचुनाव के नतीजे ईवीएम की सच्चाई का सबूत नहीं है?
https://www.palpalindia.com/2023/09/10/politics-UP-ghosi-by-election-results-not-proof-of-authenticity-of-EVM-Om-Prakash-Rajbhar-rhetoric-BJP-candidate-news-in-hindi.html
हाल ही हुए उपचुनावों में यूपी के घोसी उपचुनाव में एनडीए में शामिल हुए सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को जीताने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी, इतना ही नहीं मोदी टीम भी पूरी तरह से जुटी थी, लेकिन.... कोई सियासी प्रबंधन काम नहीं आया और बीजेपी चुनाव हार गई.
ओम प्रकाश राजभर तो किसम-किसम की बयानबाजी करते रहे, पर जनता को कुछ और ही मंजूर था, लेकिन.... इस हार के बाद भी बयानवीर ओम प्रकाश राजभर ने ईवीएम को लेकर नया बयान दे डाला, बोले.... घोसी की जनता ने जो फैसला लिया है, उसका हम स्वागत करते हैं, परन्तु एक बात जरूर कहूंगा कि विपक्ष जब हारता है तो ईवीएम को दोष देता है, अब तो यह साबित हो गया कि ईवीएम सही है और एनडीए की सरकार में निष्पक्ष चुनाव हुआ इसका प्रमाण विपक्ष खुद दे रहा है?
लेकिन, घोसी उपचुनाव के नतीजे ईवीएम की सच्चाई का सबूत नहीं है, कारण....
एक- ईवीएम को हैक करने को लेकर बार-बार चुनौती दी जाती रही है, लेकिन उच्च और रहस्यमयी पेगासस तकनीक के दौर में यह साबित करना इतना आसान नहीं है?
दो- सोचो, जो मोबाइल वर्षों से दिन-रात आपके हाथ में है, उसके सैकड़ों फंक्शन आपको आज तक पता नहीं हैं, तो जिस ईवीएम को हाथ लगाने का मौका नहीं है, उसके बारे में क्या जान लेंगे?
तीन- कई बार ईवीएम की रखवाली की गई, लेकिन यह इसलिए बेमतलब है कि ईवीएम में हेराफेरी करने की अगर तकनीक मौजूद है, तो हेराफेरी के लिए ईवीएम बदलने की जरूरत नहीं है, ईवीएम को कहीं भी बैठ कर हैक किया जा सकता है?
चार- इतना ही नहीं, ईवीएम में हेराफेरी की गई है, यह जानना भी कुछ समय बाद संभव नहीं है, कोई, क्या जांच करेगा, क्योंकि जैसे व्हाट्सएप में कोई भी मैसेज एक निश्चित समय बाद अपने आप हट जाता है, ऐसी कोई तकनीकी व्यवस्था ईवीएम में भी हो सकती है?
सियासी सयानों का मानना है कि.... 2024 में इंडिया टीम की जीत में सबसे बड़ी बाधा ईवीएम ही है, ईवीएम की स्मार्ट सेटिंग इंडिया टीम का राजयोग बदल सकती है?
Balwant Meshram @ProfBMeshram
अमेरिका के बोस्टन इलेक्ट्रॉनिक कॉन्फ्रेंस में वैज्ञानिक एलेक्स एल्डरमैन ने #ईवीएम का नतीजा महज दो मिनट में बदल दिया, अब इस #ईवीएम मशीन ने साबित कर दिया है कि ये कितनी विश्वसनीय हैं....
#EVM जब विपक्ष को ईवीएम पर भरोसा नहीं, तो.... ईवीएम से चुनाव क्यों?
https://www.palpalindia.com/2023/09/12/EVM-Opposition-does-not-trust-EVM-then-why-EVM-elections-news-in-hindi.html
#MamataBanerjee पल-पल इंडिया ने कहा था.... पेगासस फोन हैकिंग ने ईवीएम पर भी सवालिया निशान लगाया?
https://palpalindia.com/2023/08/04/West-Bengal-CM-mamata-banerjee-Alleges-BJP-will-EVM-hack-in-2024-Lok-Sabha-Elections-Pegasus-Phone-Hacking-news-in-hindi.html
#EVM घोसी उपचुनाव के नतीजे ईवीएम की सच्चाई का सबूत नहीं है?
#MamataBanerjee पल-पल इंडिया ने कहा था.... पेगासस फोन हैकिंग ने ईवीएम पर भी सवालिया निशान लगाया?
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस, सामने हार देखकर ईवीएम पर आरोप लगाती है: पीएम मोदी
ईवीएम पर सवाल उठाने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज, याचिकाकर्ता पर लगाया जुर्माना