जन्म कुंडली का चौथा भाव प्रॉपर्टी तो छठा भाव मुकदमेबाजी और विवाद का है शनि राहु केतु प्रॉपर्टी विवाद के ग्रह है. अब अगर चौथा भाव,चौथे भाव स्वामी छठे में बैठकर या छठे भाव स्वामी के साथ सम्बन्ध बनाकर शनि या राहु केतु या शनि राहु केतु की दृष्टि या सम्बब्ध से पीड़ित हो रहे है तब प्रोपर्टी का विवाद, प्रॉपर्टी ,जमीन ,जायदाद में मुकादमेबाजी होंगी.अब यहाँ चौथे भाव,चौथे भाव स्वामी साथ ही छठे भाव,छठे भाव स्वामी बलवान है और शनि राहु केतू की स्थिति कुंडली मे शुभ व बलवान है तब प्रॉपर्टी का मुक़ादमे में सफलता मिलेगी और प्रॉपर्टी विवाद से छुटकारा मिल जाएगा और स्थायी रूप से प्रोपर्टी आपकी हो जाएगी.अब चौथे भाव या छठे भाव सम्बन्धी ग्रहो की जब दशाय शुरू होंगी तब प्रॉपर्टी विवाद से छुटकारा मिलकर प्रोपर्टी का सुख मिल पायेगा स्थायी रूप से.अब कुछ उदाहरणो से समझते हैं यदि प्रोपर्टी विवाद,प्रोपर्टी मुकरेदमेबाजी चल रही है तब कब तक होगा निपटारा??
उदाहरण_अनुसार_मेष_लग्न1:-मेष लग्न चौथे भाव स्वामी चन्द्रमा अगर छठे भाव स्वामी बुध से संबंध बनाकर राहु केतु या शनि से पीड़ित हैं तब यहाँ प्रॉपर्टी में विवाद व मुक़ादमेबाजी होगी अब यहाँ चन्द्रमा और प्रॉपर्टी कारक मंगल बलवान है साथ ही छठे भाव की स्थिति अच्छी है साथ ही चौथा भाव,चौथे भाव स्वामी चन्द्रमा भी अमुकुल है कुंडली मे तब प्रॉपर्टी विवाद से छुटकारा, प्रोपर्टी सम्बन्धी मुक़ादमेबाजी में सफलता मिलकर प्रॉपर्टी प्राप्त हो जाएगी स्थायी रूप से..
दाहरण__तुला_लग्न2:-तुला लग्न में चौथे भाव स्वामी शनि छठे भाव मे अशुभ राहु या केतु साथ बैठे है तब यहाँ प्रोपर्टी विवाद, प्रोपर्टी मुक़ादमेबाजी की स्थिति बनेगी अब यहाँ चौथे भाव स्वामी शनि बलवान है औऱ शुभ ग्रह बुध शुक्र यहाँ शनि को सहयोग कर रही है शनि नवमांश कुंडली मे भी अच्छी स्थिति में है साथ ही छठे भाव स्वामी गुरु भी शुभ स्थिति में है तब प्रोपर्टी विवाद और प्रोपर्टी मुकादमेबाजी से छुटकारा मिलेगा और सफलता पूर्वक प्रॉपर्टी आपको प्राप्त होगी..
उदाहरण_आचार्य आनन्द जालान के अनुसार_धनु_लग्न3:-धनु लग्न में चौथे भाव स्वामी गुरु बलवान होकर होकर शनि की दृष्टि व राहु केतु प्रभाव में है तब प्रोपर्टी विवाद रहेगा और होगा अब यहाँ गुरु बलवान है साथ ही नवमांश कुंडली मे भी गुरु बलवान व शुभ है और प्रोपर्टी कारक मंगल की स्थिति भी अच्छी है छठा भाव छठे भाव स्वामी शुक्र यहाँ अच्छी स्थिति में है तब प्रॉपर्टी विवाद, प्रोपर्टी का मुक़ादमे में सफलता मिलकर प्रोपर्टी का निपटारा हो जाएगा..
अगर प्रोपर्टी विवाद या मुक़ादमेबाजी चल रही है और निपटारा नही हो रहा है तब उपाय करने से लाभ होकर प्रोपर्टी विवाद/प्रोपर्टी निपटारा हो पायेगा.
आचार्य आनन्द जालान* दिल्ली
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जन्म कुंडली के ये 6 खतरनाक दोष, जो हर समय परेशानियां देते है!
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