वैसे तो ज्योतिष विद्या में कई तरह के योग और कुंडली के दोष की चर्चा की गई है, परंतु कुछ दोष ऐसे हैं जिस पर अधिक चर्चा होती है और जिसके निवारण पर जोर दिया जाता है ज्योतिषाचार्य आनन्द जालान ने बताया कि शास्त्रो के अनुसार इन दोषों के कारण जिंदगी लगभग बर्बाद हो जाती है, जानते हैं इन दोषों में से 6 खास दोषों के बारे में......
1. कालसर्प दोष
2. मंगल दोष
3. पितृ दोष
4. गुरु चांडाल दोष
5. विष दोष
6. केन्द्राधिपति दोष
*1:-कालसर्प दोष : जन्म के समय ग्रहों की दशा में जब राहु-केतु आमने-सामने होते हैं और सारे ग्रह एक तरफ रहते हैं, तो उस काल को सर्पयोग कहा जाता है. इस आधार पर कालसर्प के 12 प्रकार भी बताए गए हैं. कुछ ने तो 250 के लगभग प्रकार बताए हैं.
*2:- किसी भी व्यक्ति की जन्मकुंडली में मंगल लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम और द्वादश भाव में से किसी भी एक भाव में है तो यह 'मांगलिक दोष' कहलाता है.
*3:- कुंडली के नौवें में राहु, बुध या शुक्र है तो यह कुंडली पितृदोष की है. कुंडली के दशम भाव में गुरु के होने को शापित माना जाता है. गुरु का शापित होना पितृदोष का कारण है. सातवें घर में गुरु होने पर आंशिक पितृदोष माना जाता है. लग्न में राहु है तो सूर्य ग्रहण और पितृदोष, चंद्र के साथ केतु और सूर्य के साथ राहु होने पर भी पितृदोष होता है. पंचम में राहु होने पर भी कुछ ज्योतिष पितृदोष मानते हैं. जन्म पत्री में यदि सूर्य पर शनि राहु-केतु की दृष्टि या युति द्वारा प्रभाव हो तो जातक की कुंडली में पितृ ऋण की स्थिति मानी जाती है.
*4:-गुरु चांडाल दोष : कुंडली के किसी भी भाव में बृहस्पति के साथ राहु बैठा है तो इसे गुरु चांडाल योग कहते हैं.
*5:- चंद्र और शनि किसी भी भाव में इकट्ठा बैठे हो तो विष योग बनता है.
*6:-: केंद्र भाव पहला, चौथा, सातवां, और दसवां भाव होता है. मिथुन और कन्या लग्न की कुंडली में यदि बृहस्पति पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में हो, धनु और मीन लग्न की कुंडली में बुध पहले, चौथे, सातवें और दसवें भाव में हो तो केन्द्राधिपति दोष का निर्माण होता है. दरअसल, बृहस्पति, बुध, शुक्र, और चंद्रमा के कारण यह दोष बनता है.
*ज्योतिष आचार्य आनन्द जालान, दिल्ली
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जन्म कुंडली में नवाँ घर "भाग्य भाव" कितना महत्व रखता है!
यह भी जान लें, जन्म कुंडली में नीच का राहु क्या-क्या नाच नचाता है!
जन्मकुंडली से जाने अपने परिवार पर पितरों का श्राप या वरदान
ग्रह-नक्षत्रों की चाल...कुंडली का हाल जानकर टीम इंडिया में खिलाड़ियों का चयन
जन्म कुंडली के नौ दोष, एक भी होने पर शुरू हो जाता है बुरा समय
कुंडली में मंगल की स्थिति खराब होने के कारण जातक को अधिक गुस्सा आता है!