बेंगलुरु. कर्नाटक रक्षणा वेदिके (नारायण गौड़ा गुट) ने बुधवार को बेंगलुरु में उन व्यापारिक प्रतिष्ठानों के साइनबोर्ड और नेम प्लेट को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिनमें कन्नड़ का इस्तेमाल नहीं किया गया था. कार्यकर्ताओं ने शहर के विभिन्न हिस्सों में रैलियां निकालीं.
कार्यकर्ताओं ने कन्नड़ के इस्तेमाल की मांग करते हुए एमजी रोड, ब्रिगेड रोड, लावेल रोड, यूबी सिटी, चामराजपेट, चिकपेट, केम्पे गौड़ा रोड, गांधी नगर, सेंट मार्क्स रोड, कनिंघम रोड, रेजीडेंसी रोड और देवनहल्ली के पास सदाहल्ली गेट में रैलियां निकालीं, जहां मुख्य व्यापारिक केंद्र हैं.
प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया
कार्यकर्ताओं ने दावा कि व्यापारिक प्रतिष्ठान कर्नाटक की आधिकारिक भाषा कन्नड़ को कमजोर कर रहे हैं. कई मॉल, दुकानों, वाणिज्यिक इमारतों, कंपनियों और कारखानों, विशेष रूप से बहुराष्ट्रीय कंपनियों को केआरवी कार्यकर्ताओं के आक्रोश का सामना करना पड़ा. कार्यकर्ताओं ने उन साइनबोर्ड और नेम प्लेट को क्षतिग्रस्त कर दिया जो कन्नड़ में नहीं थे. बाद में केआरवी के संयोजक टीए नारायण गौड़ा सहित प्रदर्शन कर रहे सदस्यों को पुलिस ने एहतियातन हिरासत में ले लिया.
साठ फीसदी साइनबोर्ड-नेमप्लेट कन्नड़ में होने चाहिए
टीए नारायण गौड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि कर्नाटक में नेमप्लेट और साइनबोर्ड कन्नड़ में होने चाहिए. उन्होंने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) नियमों का हवाला देते हुए कहा, '60 फीसदी साइनबोर्ड और नेम प्लेट कन्नड़ में होने चाहिए. हम आपके व्यवसाय के खिलाफ नहीं हैं लेकिन अगर आप कर्नाटक में व्यापार कर रहे हैं तो आपको हमारी भाषा का सम्मान करना होगा. यदि आप कन्नड़ को नजरअंदाज करते हैं या कन्नड़ अक्षरों को छोटे अक्षरों में लिखते हैं, तो हम आपको यहां काम नहीं करने देंगे.'
कार्यकर्ताओं ने यातायात किया बाधित
केआरवी नेता ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उसने कन्नड़ के लिए उनके प्यार को गंभीरता से नहीं लिया तो उन्हें आगामी लोकसभा चुनावों में सामना करना पड़ेगा. हवाई अड्डे और कई अन्य स्थानों की ओर जाने वाली बल्लारी रोड पर कार्यकर्ताओं ने यातायात बाधित किया, जिससे वाहन धीमी गति से आगे बढ़े. उग्र भीड़ के सामने पुलिस ने भी खुद को असहाय पाया.
कन्नड़ का सम्मान करती है सरकार- जी परमेश्वर
इस बीच, राज्य के गृहमंत्री जी परमेश्वर ने कलबुर्गी में मीडिया को बताया कि कन्नड़ समर्थक कार्यकर्ता साइनबोर्ड, विज्ञापनों और नेम प्लेट में कन्नड़ भाषा का इस्तेमाल नहीं किए जाने को लेकर चेतावनी दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार कन्नड़ का बहुत सम्मान करती है, क्योंकि इसकी सभी गतिविधियां राज्य की आधिकारिक भाषा में होती हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कर्नाटक : बेंगलुरु के आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर NIA की रेड, आंतकी साजिश का मामला
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