भोपाल. शहर के परवलिया थाना क्षेत्र में बिना अनुमति के बाल गृह संचालित किया जा रहा था. इसकी सूची में कुल 68 बच्चियां निवास करना दर्ज है, लेकिन निरीक्षण के दौरान 41 बच्चियां ही मिलीं, जबकि 26 बच्चियां गायब हैं. जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है. यह जानकारी राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मुख्य सचिव वीरा राणा को लिखे पत्र में दी है. इस बाल गृह में गुजरात, झारखंड, राजस्थान के अलावा सीहोर, रायसेन, छिंदवाड़ा, बालाघाट और विदिशा की बालिकाएं मिली हैं.
मान्यता प्राप्त नहीं है बाल गृह
जानकारी के अनुसार मुख्य सचिव को लिखे पत्र में बाल आयोग अध्यक्ष ने बताया है कि भोपाल में स्थित आंचल बाल गृह का निरीक्षण किया गया. इस दौरान बाल गृह के अधिकारियों एवं बाल गृह में मौजूद बच्चों से बातचीत की गई तो पता चला कि बाल गृह न तो पंजीकृत है और न ही मान्यता प्राप्त है. संलग्न सूची में 68 निवासरत बच्चियां दर्ज थीं, लेकिन निरीक्षण के दौरान 41 बच्चियां ही मिलीं.
सभी बच्चियां बाल कल्याण समिति के आदेश के बिना रह रही हैं. बालगृह के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि यहां रहने वाले बच्चों को चाइल्ड इन स्ट्रीट सिचुएशन से रेस्क्यू कर बिना बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किए बाल गृह में रखा जा रहा है. यह बालगृह पूर्व में रेलवे चाइल्ड लाइन चलाने वाली संस्था संचालित कर रही है. प्रियंक कानूनगो ने बताया कि आयोग के हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने इस मामले में प्रकरण दर्ज किया है. मामले की जांच सात दिन में पूरी कर दस्तावेजों सहित आयोग को उपलब्ध कराई जाए.
ईसाई अनाथालय में मतांतरण का शक
राज्य बाल आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने बताया आंचल बालगृह बिना अनुमति संचालित किया जा रहा था. उन्होंने अधीक्षक अनिल मैथ्यू, साथी निशा तिरकी, नमिता व अन्य द्वारा मतांतरण कराए जाने की शंका जाहिर की है. डॉ. शर्मा ने कहा कि साक्ष्यों को देखकर साफ लग रहा है कि जरूरतमंद बच्चों की रेकी कर इन्हें ईसाई मिशनरी संस्था में भर्ती कराकर उनका मतांतरण करवा रहे हैं.
परवलिया थाने में संस्थान के खिलाफ कई अव्यवस्थाएं मिलने के बाद भी जब एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही थी, तब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को ट्वीट कर जानकारी सार्वजनिक की गई. जिसमें बताया गया कि अवैध ईसाई अनाथालय में अनाथ बच्चों सहित 40 आदिवासी बच्चों को रखा गया है, जबकि पुलिस ने अभी मतांतरण की धारा में अपराध दर्ज नहीं की है. पुलिस अधीक्षक का कहना है कि साक्ष्य मिलने के बाद धारा बढ़ाएंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-टीके विद्यार्थी बने जबलपुर के डीआईजी, आरआरएस परिहार का भोपाल तबादला
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