माले. मालदीव और भारत के बीच रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती ही जा रही है. इस बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक बार भारत को तेवर दिखाए हैं. खबरों के अनुसार मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से अपने सैन्य बलों को मालदीव से हटाने के लिए 15 मार्च तक का अल्टीमेटम भी दे दिया है. इससे पहले भी मालदीव भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग कर चुका है.
मालदीव के अनुसार वर्तमान में 88 भारतीय सैनिक तैनात है, भारत को 15 मार्च तक मालदीव के इलाके को छोड़ देना चाहिए. शी जिनपिंग के साथ हुई मुलाकात के बाद मुइज्जू ने अपने तेवर बदले है. गौरतलब है कि मोहम्मद मुइ्ज्जू भारत विरोध के लिए जाने जाते हैं. सत्ता में भी वे इंडिया आउट प्रचार के जरिए ही आए थे. इसी बीच जानकारी आई है कि भारत और मालदीव के बीच सैनिकों की वापसी को लेकर बातचीत शुरू हुई है. इसके लिए एक हाईलेवल का ग्रुप भी बनाया गया है. इस ग्रुप ने पहली बार विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में बैठक की है.
मालदीव के एक मंत्री इब्राहिम खलील ने कहा कि दिसंबर में दुबई में आयोजित सीओपी 28 सम्मेलन के मौके पर मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू व भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच हुई बैठक के दौरान मालदीव और भारत ने इस कोर समूह को गठित करने पर सहमति जतायी थी. समूह भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी और मालदीव में भारत समर्थित विकास परियोजनाओं में तेजी लाने पर चर्चा कर रहा है. बीते वर्ष ही 17 नवंबर को राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तत्काल बाद ही मुइज्जू ने भारत से अनुरोध किया था कि वो भारतीय सैन्यकर्मियों को मालदीव से वापस बुलाए. उन्होंने कहा कि मालदीव के लोगों ने उन्हें नई दिल्ली से यह अनुरोध करने के लिए मजबूत जनादेश दिया है. खलील ने इसके पहले कहा था कि राष्ट्रपति मुइज्जू के नेतृत्व वाले नए मालदीव प्रशासन ने स्थापित किया है कि मालदीव में 77 भारतीय सैन्यकर्मी हैं. माले अब नई दिल्ली के साथ 100 से अधिक द्विपक्षीय समझौतों की भी समीक्षा कर रहा है. मालदीव में पहले हेलीकॉप्टर का प्रबंधन करने के लिए 24 भारतीय सैन्यकर्मी, डोर्नियर विमान का प्रबंधन करने के लिए 25 भारतीय, दूसरे हेलीकॉप्टर का प्रबंधन करने के लिए 26 भारतीय और रखरखाव और इंजीनियरिंग के लिए दो अन्य भारतीय कर्मी हैं.
ऐसे शुरु हुआ है विवाद-
भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी पर चर्चा मुइज्जू सरकार के तीन उपमंत्रियों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ पोस्ट की गई अपमानजनक टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में दोनों देशों के बीच उत्पन्न विवाद के बीच शुरू हुआ है. चीन की अपनी हाल ही में संपन्न राजकीय यात्रा के दौरानए मुइज़ू ने मालदीव को बीजिंग के करीब लाने का प्रयास किया. मुइज्जू ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करने वाले तीन मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया है. इन मंत्रियों के पोस्ट को लेकर भारत में चिंता जतायी गई और भारतीय पर्यटकों द्वारा मालदीव के बहिष्कार का आह्वान किया गया. जिनकी संख्या रूसी पर्यटकों के बाद सबसे अधिक है. पर्यटक संख्या के लिहाज से चीन तीसरे स्थान पर है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-PM नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगलने वाले मालदीव के तीनों मंत्री सस्पेंड, मुइज्जू ने लिया बड़ा एक्शन
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