नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाली के खिलाफ दायर याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता अशोक पांडे पर एक लाख रुपये का हर्जाना लगाने का आदेश दिया. इससे पहले इसी याचिकाकर्ता अशोक पांडे पर लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की बहाली को चुनौती देने के लिए एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.
याचिका में कहा गया था कि जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8(3) और संविधान के अनुच्छेद 102 और 191 के तहत एक बार अगर संसद का कोई सदस्य सदस्यता खो देता है तो बिना आरोपों से बरी हुए उसकी सदस्यता बहाल नहीं हो सकती है. याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट निर्वाचन आयोग को निर्देश जारी करे कि वो राहुल गांधी की सीट को खाली घोषित करके वायनाड लोकसभा सीट पर चुनाव कराए.
उल्लेखनीय है कि मोदी सरनेम वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद लोकसभा सचिवालय ने 7 अगस्त को राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दी थी. 4 अगस्त 2023 को जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि निचली अदालत ने अधिकतम सजा देकर गलती की है.
सुप्रीम ने कहा था कि इस केस में अधिकतम सजा (2 साल) होने के चलते राहुल की सदस्यता गई, पर निचली अदालत के जज ने फैसले में ये साफ नहीं किया कि अधिकतम सजा तय करने की वजह क्या है. इस फैसले में और बहुत-सी सीख दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्या ये बात विचार योग्य नहीं है कि इस फैसले के चलते (अधिकतम सजा, होने के के चलते) एक सीट बिना प्रतिनिधित्व के रह जाएगी. ये सिर्फ एक ही व्यक्ति के अधिकार तक ही सीमित रहने वाला मामला नहीं है, ये उस सीट के वोटरों के अधिकार से भी जुड़ा मसला है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली आबकारी केस: सीएम केजरीवाल जा रहे गोवा, तो ED ने भेजा पांचवां समन
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