एटा. उत्तर प्रदेश के एटा से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. दरअसल एटा जिले में जिस व्यक्ति ने जिंदा रहते हुए अपने श्राद्ध का भोज दिया था 2 दिन बाद ही उनकी मौत हो गई. जानकारी के अनुसार 70 वर्षीय व्यक्ति द्वारा अपने जीवित रहते हुए सैकड़ों लोगों को अपना मृत्यु भोज खिलाने वाले बुजुर्ग हाकिम सिंह यादव की 2 दिन बाद देहांत हो गया है.
बताया जा रहा है कि बुजुर्ग हाकिम सिंह यादव सोए रात को हुए थे, सुबह जब वह नहीं उठे तो लोगों को शक हुआ, जिसके बाद उनके मौत की खबर मिली. यह पूरा मामला एटा के थाना सकीट क्षेत्र के मुंशी नगर कस्बा का है.
मिली जानकारी के अनुसार बुजुर्ग हाकिम सिंह यादव ने अपने जिंदा रहते हुए अपना पिंडदान और क्रिया कर्म करने के बाद स्वयं ने सैकड़ों लोगों को श्राद्ध का भोज खिलाया था. स्वयं जिंदा रहते हुए बुजुर्ग हाकिम सिंह ने अपनी तेरहवीं के कार्ड भेजकर लोगों को आमंत्रित किया था. यह मामला पूरे जिले में चर्चा क विषय बना था. वहीं हाकिम सिंह यादव की मौत के बाद कई सवाल सामने आ पड़े हैं. आखिर बुजुर्ग हाकिम सिंह को क्यों जीवित होते हुए भी मृत्यु भोज करना पड़ा था.
जानकारी के अनुसार हाकिम सिंह यादव को अपने भाई भतीजों पर भरोसा नहीं था. क्योंकि उन्होंने अपने भाई और भतीजों पर मारपीट कर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया था. उनकी तेरहवीं में उनके परिवार वालों ने भी शिरकत की थी. उन्होंने यह फैसला अपनों की बेरुखी से दुखी होकर लिया है. कहते हैं कि जीते जी बच्चे और परिजन पूछ नहीं रहे हैं. ऐसे में मौत के बाद अंतिम संस्कार, तेरहवीं करेंगे अथवा नहीं, इसे लेकर संशय है. इसी कारण जीवित रहते शख्स ने खुद की तेरहवीं कर ली. वहीं इसी बीच उनके मौत की खबर सामने आई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली आबकारी केस: सीएम केजरीवाल जा रहे गोवा, तो ED ने भेजा पांचवां समन
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