रांची. झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बीते 27 जनवरी को राजभवन से अचानक ही उठकर निकल गए थे. उनके रांची से दिल्ली जाने की खबरें आईं. उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से सोमवार को बताया गया कि वह निजी काम से दिल्ली गए हैं और वह लौट आएंगे. लेकिन, सोरेन तब से लेकर अभी तक सामने नहीं आए हैं. भाजपा की झारखंड यूनिट दावा कर रही है कि मुख्यमंत्री सोरेन ईडी की कार्रवाई के डर से फरार हैं. इस बीच झारखंड में सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों को रांची में रहने के लिए कहा गया है और वहीं रांची में 3 लोकेशन पर धारा 144 लगाई गई है. मुख्यमंत्री आवास, ईडी ऑफिस और राजभवन के 100 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दिया गया है. यह आदेश 10 बजे रात तक लागू रहेगा. इस दौरान किसी भी प्रकार के धरने, प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है. राजनीतिक गलियारों और सोशल मीडिया में इसको लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है.
इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से इस मामले का संज्ञान लेने का आग्रह करते हुए कहा कि झारखंड की विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा दांव पर है. बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के लिए झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास पर 29 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम पहुंची, लेकिन इस दौरान वह वहां नहीं मिले. हालांकि, ईडी का दस्ता 13 घंटों से अधिक समय तक वहां डेरा डाले रहा, जबकि आवास की तलाशी भी ली गई.
बता दें कि मनी लॉंड्रिंग मामले की जांच कर रही एजेंसी ने झारखंड सीएम हेमंत सोरेन के इस आवास से बीएमडब्ल्यू कार (हरियाणा के नंबर पर रजिस्टर) जब्त की और उसे अपने साथ ले गई. इसके साथ ही कुछ दस्तावेज भी जब्त किए. हालांकि, झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने ईडी के एक्शन को हेमंत सोरेन को बदनाम करने की नियोजित साजिश करार दिया. वहीं, बीजेपी ने दावा किया कि सीएम सोरेन गिरफ्तारी के डर से 18 घंटे से फरार हैं.
Source : palpalindia
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