वास्तु शास्त्र के अनुसार खिड़की ना रखें खुली

वास्तु शास्त्र के अनुसार खिड़की ना रखें खुली

प्रेषित समय :21:23:16 PM / Wed, Jan 31st, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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*_ अगर आपके प्रोफेशनल काम बनते-बनते बिगड़ रहे हैं तो हो सकता है कि आपके जीवन में भूमि तत्व की कमी हो. ऐसा आमतौर पर तब होता है, जब व्यक्ति ऐसी किसी जगह पर बैठकर काम करता है, जहां उसके पीछे खिड़की खुली होती है. इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आप अपनी चेयर के पीछे की खिड़की(घर की खिड़कियों  को बंद रखें. अगर संभव हो तो वहां पर भारी परदों का इस्तेमाल करें. आप चाहें तो वहां पर अपनी भारी बुकशेल्फ आदि भी बनवा सकती हैं._
*_पोस्टर व पेंटिंग को करें चेक कई बार ऐसा भी होता है कि आप जहां बैठी होती है, आपके ठीक सामने कोई भारी शोपीस होता है. इसके अलावा, पूर्व या उत्तर की दीवार पर किसी भारी चीज जैसे ऊंचे- ऊंचे चट्टान के पोस्टर या पेंटिंग टंगी होती है. इससे भी काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं. इसलिए आज भी आप इसे चेक करें. अगर ऐसा है तो इसे तुरंत वहां से हटा दें.

वास्तुशास्त्र में दिशा को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है. इसलिए आज भी घर के बड़े-बुज़ुर्ग जब भी घर बनवाते हैं तो ज्योतिषी, पंडितों से राय-मशवरा जरूर करते हैं कि मु्ख्य दरवाजा, रसोई और घर की खिड़कियां किस दिशा में होनी चाहिए. अगर घर के दरवाज़े और खिड़कियों की दिशा ठीक न हो तो उस घर में रहने वाले लोगों की दशा बिगड़ जाती है.

घर में चीज़ो का सही दिशा में होना बेहद ज़रूरी है. यदि ऐसा न हो तो घर में रहने वाले लोगों पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. कई बार ये प्रभाव इतना बुरा होता है कि लोगों के घर तक बर्बाद हो जाते हैं.

ऐसे में इस बात की जानकारी होना बेहद ज़रूरी है कि घर के खिड़की दरवाजों की सही दिशा क्या होती है. इसके साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिए कि अगर आपके घर में चीजों की दिशा ठीक नहीं है तो उनके नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए आप क्या उपाय कर सकते हैं.

आप भी घर बनवाते समय वास्तुशास्त्र का खास ख्याल रखें. अन्यथा इसके दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे.

वास्तुशास्त्र के अनुसार खिड़कियों की दिशा

वास्तु के अनुसार घर में हमेशा खिड़कियों की संख्या सम यानि कि 2, 4, 6, 8, होनी चाहिए.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में पूर्व, पश्चिम, उत्तर दिशा में खिड़कियों का होना बहूत शुभ माना गया है. घर में हमेशा पूर्व दिशा में ज्यादा से ज्यादा खिड़की बनवाने की कोशिश करनी चाहिए ताकि सुबह सूर्योदय होने पर सूर्य की पहली किरण आपके घर में प्रवेश कर सके.
पूर्व दिशा में लगी खिड़की आपके घर में प्रकाश और हवा ही नहीं बल्कि अपने साथ सुख और सौभाग्य को लेकर आती है. इसी प्रकार उत्तर दिशा में बनी खिड़कियां घर की समृद्धि को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं, क्योंकि इस दिशा के स्वामी स्वयं कुबेर देवता को मन जाता हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्यद्वार के दोनों तरफ एक ही आकार की खिड़कियां बनवानी चाहिए. ऐसा करने से आपको शुभ फलों की प्राप्ति होती है. माना जाता है कि इन खिड़कियों के माध्यम से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह लगातार बना रहता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के दक्षिण दिशा में खिड़कियां भूल कर भी न बनवाएं क्योंकि दक्षिण को यम की दिशा माना गया है. यदि घर की खिड़कियां दक्षिण दिशा में है तो घर में रोग और शोक का बड़ा कारण बनती हैं. यदि इस दिशा में खिड़की हो तो उसे हमेशा बंद ही रखें.
वास्तुशास्त्र के अनुसार दरवाजों की दिशा

वास्तु के अनुसार, इस बात का विशेष ख़्याल रखें कि मुख्य दरवाज़े की लंबाई हमेशा उसकी चौड़ाई से दोगुनी हो.
घर के दरवाजे बनवाते समय हमेशा लकड़ी की चौखट का इस्तेमाल करें. वास्तु के अनुसार अगर आप घर की चौखट को बनवाते समय उसके नीचे एक चांदी का तार डालकर बनवाएं तो घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के भीतर दो पल्ले वाला दरवाजा सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है. ऐसे में घर के अंदर दो पल्ले वाला दरवाजा ही बनवाना चाहिए. अगर ऐसा करना पूरे घर में संभव न हो पाए तो कम से कम घर के मुख्य द्वार को दो पल्ले का बनवाने का प्रयास करना चाहिए.
घर की चौखट और दरवाजे कभी भी टूटे नहीं होने चाहिए. दरवाजे को खोलते या बंद करते समय उसमें से किसी भी प्रकार की आवाज नहीं आनी चाहिए. वास्तु में इसे गंभीर दोष माना गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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