नई दिल्ली. अमेरिकी ने इराक और सीरिया में ईरानी समर्थित मिलिशिया और ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले दर्जनों ठिकानों पर हवाई हमला किया है. यह हमला ड्रोन हमले के जवाबी कार्रवाई में था, जिसमें जॉर्डन में तीन अमेरिकी सैनिक मारे गए थे. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जंग को लेकर चेताया है.
न्यूज एजेंसी के अनुसार बड़े पैमाने पर हुए हमलों ने सात स्थानों पर 85 से अधिक लक्ष्यों को निशाना बनाया, जिनमें कमांड और नियंत्रण मुख्यालय, खुफिया केंद्र, रॉकेट और मिसाइल, ड्रोन और गोला-बारूद भंडारण स्थल और अन्य सुविधाएं शामिल थीं जो मिलिशिया या आईआरजीसी के कुद्स फोर्स, गार्ड के अभियान दल से जुड़ी थीं. बता दें कि यह इकाई क्षेत्रीय मिलिशिया के साथ तेहरान के संबंधों और उन्हें हथियारों से लैस करने का काम संभालती है.
हमलों के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका मध्य पूर्व में संघर्ष नहीं चाहता है, लेकिन अगर किसी अमेरिकी को नुकसान होता है, तो देश जवाब देगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘संयुक्त राज्य अमेरिका मध्य पूर्व या दुनिया में कहीं भी संघर्ष नहीं चाहता है. लेकिन जो लोग हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, वे यह जान लें: यदि आप किसी अमेरिकी को नुकसान पहुंचाते हैं, तो हम जवाब देंगे.
अल जज़ीरा के अनुसार अमेरिकी हवाई हमलों के बाद, इराकी सशस्त्र बलों के कमांडर-इन-चीफ के प्रवक्ता ने कहा कि ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब इराक क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहा है. इराक ने कहा है कि ‘ये हमले इराकी संप्रभुता का उल्लंघन है. इराकी सरकार के प्रयासों को कमजोर करना और एक खतरा है जो इराक और क्षेत्र को अवांछनीय परिणामों में धकेल देगा, जिसके परिणाम इराक और क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर होंगे.’
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अमेरिका के शिकागो में बड़ी वारदात: एक ही परिवार के सात सदस्यों की गोली मारकर हत्या
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