लद्दाख कड़ाके की ठंड में आंदोलन से गर्म, हजारों लोग पूर्ण राज्य की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे

लद्दाख कड़ाके की ठंड में आंदोलन से गर्म, हजारों लोग पूर्ण राज्य की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे

प्रेषित समय :18:08:01 PM / Sun, Feb 4th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अस्तित्व में आया लद्दाख अब आंदोलन की राह पर है. कड़ाके की इस ठंड में केंद्र शासित प्रदेश में आंदोलन की गर्माहट है. हजारों की संख्या में दो दिनों से लोग सड़कों पर हैं. प्रदर्शन कर रहे इन लोगों की मांग है कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए. उनको नौकरशाही वाला शासन नहीं बल्कि जनता की सरकार चाहिए. विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व लेह अपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस द्वारा किया जा रहा है.

लद्दाख के लोगों की मांग है कि उनको पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए. संविधान की छठी अनुसूची को लागू किया जाए. साथ ही लेह और कारगिल जिलों में संसदीय सीटें दी जाएं. यहां के लोगों का कहना है कि उनको नौकरशाही वाला शासन नहीं चाहिए बल्कि जनता का शासन चाहिए. यहां लोकतांत्रिक सरकार हो जिसे जनता अपने मन से जनप्रतिनिधियों को चुन सके.

दरअसल, लद्दाख, 2019 के पहले जम्मू-कश्मीर का हिस्सा था. यहां भी आर्टिकल 370 प्रभावी था. यह यहां के लोगों की भूमि, नौकरियां और विशिष्ट पहचान दिलाता था. लेकिन 370 खत्म किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख. जम्मू-कश्मीर में जहां विधानसभा होने की बात कही गई वहीं लद्दाख को प्रशासक के हवाले कर दिया गया. अब पिछले दो सालों से लद्दाख के लोग अपनी जमीन, नौकरियों और विशिष्ट पहचान की रक्षा के लिए राज्य का दर्जा और संवैधानिक गारंटी के लिए आंदोलित हैं. यह लोग राज्य में लोकतांत्रिक शासन की भी मांग कर रहे हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक का भी समर्थन

आंदोलन में पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने कहा कि लेह में जब 2020 में चुनाव हुए तो बीजेपी सरकार का मेनिफेस्टो था कि वह यहां के लोगों के अधिकारों की रक्षा संविधान के छठी अनुसूची को लागू कर करेंगे. उन्होंने कहा कि जब 370 नहीं रहा तो बीजेपी ने इस पर्वतीय संवेदनशील प्रदेश के लोगों को भरोसा दिलाया, दिल्ली से आए मंत्रियों ने भरोसा दिलाया कि यहां के लोगों को छठी अनुसूची के तहत संरक्षित किया जाएगा. यह आश्वासन केंद्र सरकार के हर मंत्रालयों से मिला, बीजेपी के 2019 के लोकसभा घोषणा पत्र में भी आश्वासन दिया गया लेकिन अभी तक यह पूरा नहीं हो सका है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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