पलपल संवाददाता, मंदसौर. एमपी के मंदसौर स्थित ग्राम भील्याखेड़ी में लोन की किश्त न चुकाने पर फायनेंस कंपनी के कर्मचारियों ने पुलिस की मदद से पुजारी के परिवार व उनके 100 साल के वृद्ध पिता को पलंग सहित घर से बाहर कर दिया. यहां तक कि गृहस्थी का सामान भी सड़क पर फेंक दिया.
सूत्रों के हवाले से भील्याखेड़ी गांव में रहने वाले गोविंददास बैरागी राम मंदिर में पुजारी है, उन्होने वर्ष 2015 में फायनेंस कंपनी से मकान बनाने के लिए तीन लाख रुपए लोन लिया था. लोन लेते वक्त कंपनी ने 20 हजार रुपए बीमा व 50 हजार रुपए अन्य खर्च के नाम पर ले लिए. गोविंद दास ने 70 हजार रुपए दिए. इसके बाद कोरोना के कारण लॉकडाउन लग गया, फिर बाद मेरे पिता की तबीयत खराब होने के कारण लोन की किश्त नहीं दे पाया. पिछले दिन कंपनी के कर्मचारी अपने साथ पुलिस लेकर आए और 100 साल के पिता को पलंग सहित घर के बाहर कर दिया, इसके बाद गृहस्थी का सारा सामान फेंक दिया. गोविंददास व उनकी पत्नी ने कहा कि वे किश्ते जमा करने के लिए तैयार है लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई. इस घटना के बाद 100 वर्षीय पिता को लेकर पूरा परिवार भाई के खेत में जाकर रहने लगा. इस घटनाक्रम के बाद पुजारी का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई कर मुझे व मेरे परिवार को अपमानित किया गया है. इधर फायनेंस कंपनी के मैनेजर का कहना है कि पुजारी गोविंददास को कई बार नोटिस दिए गए है लेकिन किश्तें जमा नहीं की गई है, अभी भी 50 किश्त बाकी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी: उज्जैन में बीजेपी नेता और पत्नी की हत्या, घर में मृत मिले, हड़कंप
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