नई दिल्ली. महाराष्ट्र के नागपुर से गोवा को जोडऩे वाले नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे, जिसे शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे भी कहा जाता है, के बनने का रास्ता अब साफ हो गया है. महाराष्ट्र सरकार ने शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के अलाइनमेंट को मंजूरी दे दी है. इस मंजूरी के बाद अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. 760 किलोमीटर लंबा यह 6 लेन एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के 11 जिलों और गोवा के एक जिले से गुजरेगा. इसे शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे नाम दिया गया है, क्योंकि यह तीन शक्तिपीठों महालक्ष्मी, तुलजा भवानी और पत्रदेवी से होकर गुजरेगा. यह महाराष्ट्र का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा.
नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे का संचालन और रखरखाव महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) द्वारा किया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद नागपुर से गोवा की दूरी 1,110 से घटकर 760 किलोमीटर हो जाएगी. अभी नागपुर से गोवा जाने में 20 घटें लगते हैं. शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद यह समय घटकर मात्र 8 घंटे रह जाएगा. शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे, सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे, पुणे-बेंगलुरु एक्सप्रेसवे और सभी मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्गों के साथ भी जुड़ेगा.
मार्च 2023 में मिली थी मंजूरी
सितंबर 2022 में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडऩवीस ने महाराष्ट्र कैबिनेट में नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे लॉन्च किया था. मार्च 2023 में इस परियोजना को महाराष्ट्र सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई थी. हालांकि एक्सप्रेसवे के पूरा होने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है. माना जा रहा है कि नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे 2028-29 तक यातायात के लिए खोल दिया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर 83,600 करोड़ की लागत आएगी.
नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे विदर्भ, मराठवाड़ा और पश्चिमी महाराष्ट्र के क्षेत्रों से होकर गुजरेगा. यह महाराष्ट्र के यवतमाल, हिंगोली, नांदेड, परभनी, लातूर, बीड, उस्मानाबाद, सोलापुर, कोल्हापुर, सिंधुदुर्ग और गोवा के पत्रादेवी जिले को कवर करेगा. इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से न केवल यात्रा का समय बचेगा, बल्कि इससे औद्योगीकरण और रोजगार को बढ़ावा भी मिलेगा.
धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इस परियोजना का लक्ष्य क्षेत्र की कनेक्टिविटी , पर्यटन, विकास और आर्थिक विकास को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है. गोवा नागपुर एक्सप्रेसवे से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. एक्सप्रेसवे से तीन शक्तिपीठ महालक्ष्मी, तुलजा भवानी और पत्रादेवी जुड़ जाएंगे. इसके अलावा इस एक्सप्रेसवे से रेणुका माता, सेवाग्राम आश्रम, औंधा नागनाथ, नांदेड़ गुरुद्वारा, सिद्धेश्वर, परली-वैजनाथ और पंढरपुर जाना आसान होगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-महाराष्ट्र: एनसीपी-शरद चंद्र पवार होगा पवार गुट का नया नाम, राज्यसभा चुनाव में होगा इस्तेमाल
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