गुजरात: 2 आईपीएस, 2 डीएसपी सहित 19 पर एफआईआर दर्ज, 9 साल पुराने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

गुजरात: 2 आईपीएस, 2 डीएसपी सहित 19 पर एफआईआर दर्ज, 9 साल पुराने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

प्रेषित समय :15:55:33 PM / Sat, Feb 17th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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अहमदाबाद. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में करीब 9 साल पुराने एक मामले में वेस्ट कच्छ सीआईडी क्राइम के 6 पुलिस अधिकारियों समेत 19 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया गया है, उनमें दो रिटायर्ड आईपीएस, 3 डीएसपी और एक एसआई समेत कच्छ के इलेक्ट्रोथर्म कंपनी के निदेशकों और कर्मचारियों के नाम शामिल हैं.

यह है पूरा मामला

शिकायतकर्ता परमानंद शिरवानी ने अपनी याचिका में लिखा है कि वे 2011 में कच्छ की इलेक्ट्रोथर्म कंपनी में काम करते थे. कुछ समय बाद उन्होंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन, कंपनी नहीं चाहती थी कि वे नौकरी छोड़ें. इसके चलते कंपनी मालिकों ने उन्हें भरोसे में लेकर कंपनी का डायरेक्टर बनाने की बात कही. इसके बाद उन्हें अपने नाम पर एक फर्म खोलने के लिए अहमदाबाद बुलाया था.

जब वे अहमदाबाद पहुंचे तो कंपनी के निदेशकों ने अपने कर्मचारियों की मदद से उन्हें बंधक बना लिया था. इसके बाद उन्हें कंपनी के बंगले, ऑफिस, फार्म हाउस समेत अलग-अलग जगहों पर रखा गया. इस दौरान एक महिला के जरिए उनसे जबर्दस्ती सादे कागजों पर उनकी संपत्ति साइन करवा ली थी. इतना ही नहीं, जान से मारने की धमकी देकर उनकी मां के घर से कैश 20 लाख रुपए और 10 लाख रुपए कीमत की ज्वेलरी भी जब्त कर ली थी.

सुप्रीम कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले आए थे आरोपी

शिकायतकर्ता का यह भी कहना है कि इसके बाद भी मेरी परेशानियां खत्म नहीं हुई थीं. साल 2015 से मैं आरोपियों के खिलाफ पुलिस थाने और अफसरों के चक्कर लगाता रहा. लेकिन, पुलिस अफसरों की कंपनी मालिकों से मिलीभगत के चलते मामला दर्ज ही नहीं हो सका. इसके बाद उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने 10 अक्टूबर 2019 को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. लेकिन, आरोपी तब सुप्रीम कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले आए थे.

क्लोजिंग रिपोर्ट देते रहे पुलिस अफसर
 
2015 से शुरू हुए इस पूरे मामले में सबूतों के साथ अपहरण और जबरन वसूली की गंभीर शिकायतें देने के बावजूद पूर्व कच्छ-गांधीधाम के तत्कालीन एसपी जीवी बारोट, आईपीएस भावनाबेन पटेल, तीन डेप्युटी एसपी डीएस वाघेला, विजय गढ़वी और आरडी देसाई व पुलिस इंस्पेक्टर एमके चौहान लगातार क्लोजिंग रिपोर्ट देते रहे कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं था. मामला हाई कोर्ट तक पहुंचने के बाद भी पुलिस ईटी कंपनी के अधिकारियों को बचाने की कोशिश में लगी रही.

केस दर्ज कर लिया है- एडिशनल डीजीपी

सीआईडी क्राइम के एडिशनल डीजीपी राजकुमार पांडियन ने बताया कि करीब 9 साल पुराने इस मामले में शिकायतकर्ता परमानंद शिरवानी दोबारा सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. उनकी याचिका पर कोर्ट ने सभी 19 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया है. हमने शिकायत दर्ज कर ली है. पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी गंभीर धाराओं वाली शिकायतें हैं. इनमें गुजरात के 2 रिटायर्ड आईपीएस, 3 रिटायर्ड डिप्टी एसपी और एक पीएसआई शामिल है. इलेक्ट्रोथर्म के मालिक शैलेश भंडारी, उसके 8 कर्मचारियों और कंपनी के सिक्युरिटी ऑफिसर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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