नई दिल्ली. टूरिस्ट वीजा पर घूमने गए या हाई सैलरी पर नौकरी के बहाने भारतीयों को धोखा देकर रूस में फंसाने और रूसी सेना में जबरिया भर्ती किए जाने को लेकर दर्जन भर परिवारों ने भारत के विदेश मंत्रालय में शिकायत की है. फंसे भारतीयों को वापस लाने की गुहार परिजन लगा रहे हैं. शुक्रवार को भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूसी अथॉरिटीज को फंसाए गए भारतीयों के बारे में जानकारी दी गई है. इस मुद्दा को प्रभावी तरीके से उनके समक्ष उठाया गया है. जल्द ही इसका हल निकलेगा.
दरअसल, भारत के 3 दर्जन से अधिक भारतीयों को एजेंटों ने धोखा देकर रूस भेज दिया है. कुछ लोग टूरिस्ट वीजा पर घूमने गए थे तो कईयों को हाई सैलरी पर नौकरी का लालच देकर रूस भेजा गया. वहां गए इन भारतीयों को जबरिया रूसी सेना में शामिल कर लिया गया है. इन लोगों को सैन्य प्रशिक्षण के बाद यूक्रेन युद्ध में भेजा जा रहा है. इस बात का खुलासा तब हुआ, जब वहां फंसे भारतीयों ने अपने परिजन को वीडियो भेजकर अपनी आपबीती सुनाई. एक ऐसे ही भारतीय की युद्ध क्षेत्र में हत्या भी हो चुकी है.
सीबीआई ने किया कई जगह रेड
उधर, मामला सुर्खियों में आने के बाद सीबीआई ने देश के कई जगहों पर रेड कर कबूतरबाजी में लिप्त एजेंटों के ठिकानों पर छापा मारा. गुरुवार को सीबीआई ने सात शहरों में रेड कर रूस में भारतीय तस्करों के एक गिरोह का भंड़ाफोड़ किया. सीबीआई रेड के दौरान अभी तक 35 भारतीयों को रूस व यूक्रेन भेजने की पुष्टि हुई है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इन सभी लोगों को युद्ध में भेजा गया है या कोई और काम कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि रूस में फंसे कम से कम 20 भारतीयों ने भारतीय अधिकारियों से संपर्क किया था.
सरकार ने की अपील
सरकार ने अपील की कि वे रूसी सेना में सहायक नौकरियों के लिए एजेंटों द्वारा दिए गए प्रस्तावों से प्रभावित न हों, क्योंकि यह जीवन के लिए खतरे और जोखिम से भरा है. हम रूसी सेना में सहायक स्टाफ के रूप में कार्यरत अपने नागरिकों की शीघ्र रिहाई और अंतत: उनकी घर वापसी के लिए प्रतिबद्ध हैं.
इसी हफ्ते पंजाब के 7 युवकों को वीडियो सामने आया
बीते दिनों पंजाब के 7 युवकों का वीडियो सामने आया था. होशियारपुर के रहने वाले यह युवा दिसंबर में न्यू ईयर मनाने के लिए गए थे. एजेंट ने धोखे से उनको बेलारूस पहुंचा दिया. बेलारूस में इनको अरेस्ट कर रूस के हवाले कर दिया. अब इनको सेना में भर्ती कर यूक्रेन युद्ध लडऩे को मजबूर किया जा रहा है. इन युवकों में शामिल गगनदीप सिंह ने वीडियो भेजकर पूरी आपबीती सुनाई थी. जम्मू-कश्मीर के युवक के परिजन ने भी अपने बेटे के फंसे होने की बात बताते हुए उसके वापसी की गुहार लगाई है. उधर, हैदराबाद का मोहम्मद असफान यूक्रेन युद्ध में मारा जा चुका है. मॉस्को दूतावास ने इसकी पुष्टि की है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-Paris Olympics: भारतीय पुरुष-महिला टेबल टेनिस टीम को ओलंपिक टिकट
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