नौकरी का लालच देकर भेज रहे थे रूस, फिर पासपोर्ट जब्त कर जंग में उतार रहे थे, सीबीआई ने दो एजेंटों को पकड़़ा

नौकरी का लालच देकर भेज रहे थे रूस, फिर पासपोर्ट जब्त कर जंग में उतार रहे थे, सीबीआई ने दो एजेंटों को पकड़़ा

प्रेषित समय :16:55:14 PM / Fri, Mar 8th, 2024
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नई दिल्ली. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक बड़े मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जो विदेशों में नौकरी दिलाने की आड़ में भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में ले जाता था. अधिकारियों के मुताबिक दो रूसी एजेंट सीबीआई की जांच के दायरे में हैं. 
सीबीआई ने गुरुवार को इस नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था. अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान में रहने वाले रूसी एजेंट क्रिस्टीना और मोइनुद्दीन चिप्पा भारतीय युवकों को रोजगार का लालच देकर उन्हें रूस भेजने में मदद करते थे. रूस पहुंचने वाले भारतीयों के पहले पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते और बाद में उन्हें सशस्त्र बलों के साथ लडऩे के लिए मजबूर किया जाता था. 

17 कंपनियां रडार पर

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी की प्राथमिकी में भारत में चल रहे 17 अन्य वीजा कंसल्टेंसी कंपनियों, उनके मालिकों और एजेंटों के नाम शामिल हैं. एजेंसी ने उनके खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और मानव तस्करी से संबंधित भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आरोपी व्यक्ति अपने एजेंटों के माध्यम से रूसी सेना, सुरक्षा गार्डों, सहायकों, बेहतर जीवन और शिक्षा से संबंधित नौकरी पाने के बहाने भारतीय नागरिकों की रूस में तस्करी करते थे. साथ ही इन लोगों से अवैध रूप से भारी राशि भी वसूलते थे. इतना ही नहीं इन एजेंटों ने छात्रों को भी रूस के निजी विश्वविद्यालय में प्रवेश दिलवाने के बहाने से धोखा दिया. उन्हें रूस भेज दिया फिर वहां के एजेंटों के सहारे छोड़ दिया. एक बार जब ये लोग रूस पहुंच गए तो उनके पासपोर्ट वहां के एजेंटों द्वारा जब्त कर लिए गए और उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया. सीबीआई की प्राथमिकी में बताया गया है, 'उन्हें लड़ाकू भूमिकाओं में प्रशिक्षित किया जा रहा था. रूसी सेना की वर्दी और बैच दिए गए थे. इसके बाद, इन भारतीय नागरिकों को रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर, जहां हमले का डर है वहां तैनात किया जा रहा है और उनकी इच्छा के खिलाफ उनकी जान को गंभीर खतरे में डाला जा रहा है.'

35 मामले सामने आए

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने गुरुवार को तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था. अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी को 35 ऐसे मामले मिले हैं जिनमें युवाओं को सोशल मीडिया चैनलों, स्थानीय संपर्कों और एजेंटों के माध्यम से उच्च भुगतान वाली नौकरियों के झूठे वादों का लालच देकर रूस ले जाया गया था.

13 स्थानों पर ली तलाशी

प्राथमिकी दर्ज करने के बाद, सीबीआई ने दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, मुंबई, अंबाला, चंडीगढ़, मदुरै और चेन्नई समेत 13 स्थानों पर तलाशी ली. उन्होंने कहा, 'इन एजेंटों का मानव तस्करी नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला हुआ है और वे संगठित तरीके से काम कर रहे हैं.

केंद्रीय जांच एजेंसी ने दिल्ली स्थित आरएएस ओवरसीज फाउंडेशन और इसके निदेशक सुयश मुकुट, मुंबई में ओएसडी ब्रदर्स ट्रैवल्स एंड वीजा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, इसके निदेशक राकेश पांडे, चंडीगढ़ स्थित एडवेंचर वीजा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक मंजीत सिंह, दुबई स्थित बाबा व्लॉग्स ओवरसीज रिक्रूटमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक फैसल अब्दुल मुतालिब खान उर्फ बाबा एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

पीडि़तों को युद्ध क्षेत्र में गंभीर चोटें भी आईं

अधिकारी ने कहा, यह भी पता चला है कि कुछ पीडि़तों को युद्ध क्षेत्र में गंभीर चोटें भी आई हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 50 लाख रुपये से अधिक की नकदी, आपत्तिजनक दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल, डेस्कटॉप और सीसीटीवी फुटेज जैसे इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं. तलाशी जारी है. विभिन्न स्थानों से पूछताछ के लिए कुछ संदिग्धों को हिरासत में भी लिया गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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