चंडीगढ़। केंद्र सरकार द्वारा पांच फसलों को एमएसपी पर खरीदने के प्रस्ताव को खारिज करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत रविवार को दोपहर 12 बजे से चार बजे तक देशभर में ट्रेनों को रोकने का एलान किया है। ट्रेन रोको आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा (राजनीतिक) ने भी समर्थन दिया है। किसान नेताओं का आरोप है कि एक तरफ केंद्र सरकार आत्मनिर्भर भारत व स्वदेशी का नारा देती है, दूसरी तरफ एक लाख 41 हजार करोड़ के खाद्य तेल व 29 लाख टन दालें आयात करती है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि 13 फरवरी को पंजाब-हरियाणा सीमा पर शुरू हुए आंदोलन के तहत, हमने आज (रविवार) पूरे देश में 'रेल रोको' का आह्वान किया है.
अगर तिलहन और दलहन पर देश में ही एमएसपी मिलने लगे तो किसानों के साथ-साथ देश को भी लाभ होगा। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि गुमराह करने के लिए सरकार कह रही है कि किसानों की ज्यादातर मांगें मानी जा चुकी है, जो बिल्कुल झूठ है। किसानों ने पिछले कई दिन पहली ही रेलवे ट्रैक जाम करने की बात कही थी। इसके चलते सीमावर्ती इलाकों में भारी जाम लग सकता है। 10 से 14 तारीफ तक अधिकारियों को चौकना रहने की हिदायत दी गई है। उधर, दिल्ली के कई इलाकों में जाम लगने की संभावना है।
बता दें कि आंदोलन के बीच किसान नेताओं और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत में सरकार ने किसानों के सामने पांच फसलों पर एमएसपी देने का देने का प्रस्ताव रखा, लेकिन किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया. किसान सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी चाहते हैं. जिसके चलते पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. किसान पहले ही कह चुके हैं हैं कि वे 10 मार्च को रेल रोको आंदोलन करेंगे. जिसके चलते सीमावर्ती इलाकों में भारी जाम लगने की संभावना है. इसी के चलते 10 मार्च से लेकर 14 मार्च तक अधिकारियों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है. किसानों के आंदोलन के चलते राजधानी दिल्ली के भी कई इलाकों में जाम की समस्या हो सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी : किसानों को बड़ा तोहफा, निजी नलकूपों के लिए फ्री में मिलेगा बिजली कनेक्शन
#KisanAndolan2024 किसान आंदोलन को हल्के में लेना भारी पड़ेगा मोदी सरकार को?