#ElectoralBondScam कमाल है! इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति एक दिन पहले ही?

#ElectoralBondScam कमाल है! इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति एक दिन पहले ही?

प्रेषित समय :10:18:37 AM / Fri, Mar 15th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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अभिमनोज. कहां तो इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा छुपाया जा रहा था और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की बैठक 15 मार्च को होनवाली थी, लेकिन एक दिन पहले ही दोनों काम हो गए, काहे?
शायद डर रहा होगा कि एक दिन में कोई खेला न हो जाए!

खबरें हैं कि.... भारतीय स्टेट बैंक ने भारत की सर्वोच्च अदालत के आदेशानुसार 12 मार्च को ही निर्वाचन आयोग को इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ा डेटा दे दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस जानकारी को 15 मार्च की शाम पांच बजे तक अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करने का भी निर्देश दिया था.

लेकिन.... ऐसी चर्चाएं भी थी कि इस प्रक्रिया को रोका जा सकता है, लिहाजा निर्धारित समय से पहले ही जानकारी सामने आ गई?

हालांकि.... इस डेटा का विश्लेषण जारी है, लेकिन खबरों की मानें तो बीजेपी सबसे ज़्यादा चंदा प्राप्त करने वाली पार्टी बनकर सामने आई है, बीजेपी ने कुल 60 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को भुनाया है, तो दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस है, जिसने 16 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश किया है, जबकि तीसरे नंबर पर कांग्रेस है, जिसने 14 अरब रुपये से अधिक के इलेक्टोरल बॉन्ड को इनकैश किया है!

खबरें यह भी हैं कि- इधर, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति नए निर्वाचन आयुक्तों के नामों को तय करने के लिए 15 मार्च को बैठक करनेवाली थी, तो उधर, सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा था कि- वह केंद्र सरकार को 2023 के एक कानून के अनुसार नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करने से रोकने का अनुरोध करने वाली यचिका को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा, इस कानून के प्रावधानों को पहले ही अदालत में चुनौती दी गई है, बड़ा सवाल यह है कि अब क्या होगा?

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया, जिसमें मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और पदावधि) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को चुनौती दी है.
देखना होगा कि आगे इसकी क्या प्रतिक्रियाएं होती हैं?

#palpalindia (21/6/2021) का सवाल था कि- पीएम नरेंद्र मोदी यदि पाक-साफ है तो.. क्या कोरोना वैक्सीन दलाली और पार्टी चंदा से मुक्त है?
https://palpalindia.com/2021/06/21/delhi-Modi-Amit-Shah-free-government-facilities-prime-minister-enjoyment-public-right-free-vaccine-news-in-hindi.html

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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