ऑफिस की टेंशन और फिर घर आकर भी फैमिली की प्रॉब्लम्स इन सारी चीजों में कई बार स्ट्रेस इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि लोग छोटी-छोटी बातों पर भी बहुत ज्यादा सोचने लगते हैं और दिमाग में नेगेटिव बातें आने लगती हैं. इस तरह की स्थिति की वजह से न सिर्फ मेंटली रूप से परेशान होते हैं, बल्कि इसका बुरा असर आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ने लगता है. स्ट्रेस को दूर करने के लिए दवाओं का सहारा लेना जरूरी नहीं होता है, क्योंकि कुछ बातों को रूटीन में अगर फॉलो किया जाए तो बिना मेडिसिन के भी आप स्ट्रेस, एंग्जायटी जैसी समस्याओं पर काबू पा सकते हैं. इसे छोटा-मोटा रोजमर्रा का स्ट्रेस समझकर अगर वक्त पर ध्यान न दिया जाए तो समस्या गंभीर हो सकती है और व्यक्ति कई बार इसी के चलते डिप्रेशन में चला जाता है. ओवर थिंकिंग को दूर करने के लिए आप कुछ जापानी टेक्निक्स पर अपना सकते हैं. हालांकि वक्त रहते इनपर ध्यान देना जरूरी होता है. तो चलिए जानते हैं क्या हैं वो जापानी टेक्निक जो स्ट्रेस से राहत दिला सकती हैं.
शिरिन योकू
जापानी में इसे समझे तो शिरिन योकू का मतलब होता है कहीं जंगल में यानी प्रकृति के बीच वक्त बिताना. जब भागदौड़ से भरी लाइफ में आपको बोझिल सा महसूस होने लगे या फिर आप छोटी-छोटी बातों से परेशान होने लगें तो सबसे बेहतर है कि ब्रेक लेकर पहाड़ों या फिर किसी भी हरियाली भरी जगह जाकर वहां की वादियों में पूरी तरह से खुद को इन्वॉल्व कर लें. ये ओवरथिंकिंग, स्ट्रेस आदि से बचने का एक अच्छा तरीका है.
शोगानाई
जापानी के शोगानाई का मतलब होता है कि जो चीज आपके बस में न हो या आपके नियंत्रण से बाहर हो तो उसे स्वीकार करना या फिर छोड़ देना ही बेहतर है. यानी शोगानई टेक्निक कहती है कि जिन चीजों पर आपका कंट्रोल न हो उनके पीछे अपना वक्त बर्बाद न करें और ऐसे ही छोड़ दें, इसकी बजाय वो पॉजिटिव चीजें करना शुरू करें जो आपकी लाइफ को बेहतर बना सकती हो.
गामन
लाइफ में अच्छी और बुरी दोनों तरह की सिचुएशन आती हैं. गामन का मतलब सीधे शब्दों में देखें तो किसी भी खराब स्थिति को धैर्य और दृढ़ता के साथ सहन करना या सामना करना है. यह चीज सिखाती है कि मुसीबत में परेशान न होकर उसका धैर्य और दृढ़ते के साथ सामना करना चाहिए और हार मानने की बजाय उससे निपटने का तरीका निकालना.
नेनबुतसु
ओवरथिंकिंग, स्ट्रेस, एंग्जायटी से बचने के लिए यह सबसे सरल और पावरफुल टेक्निक मानी गई है. नेनबुतसु का मतलब होता है ‘बुद्ध की सचेतना’ यानी भगवान बुद्ध के नाम का जाप करना. यह दिमाग को शांत करने और फोकस बढ़ाने के प्रभावी तरीका माना गया है.
खाली पेट कॉफी पीना स्ट्रेस हॉर्मोन बढ़ा देता है, जानें इसके स्वास्थ्य जोखिम
यूपी: लखनऊ जेल में बंद 36 कैदी मिले एचआईवी पॉजिटिव, स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप
JABALPUR: नार्वे से आई वृद्ध महिला निकली कोरोना पाजिटिव, स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प..!