ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि, मंत्रों को जपने का एक उचित समय होता है. गायत्री मंत्र का जाप तीन समय पर किया जा सकता है.
* पहला समय - ब्रह्म मुहूर्त में , जाप शुरू करना चाहिए और सूर्योदय होने के बाद जाप खत्म कर देना चाहिए.
* दूसरा समय- गायत्री मंत्र का जाप, दोपहर के समय भी किया जा सकता है.
* तीसरा समय- गायत्री मंत्र का जाप, शाम के समय सूर्यास्त के पहले शुरू करें और सूर्यास्त के बाद खत्म कर दें.
* शास्त्रों के अनुसार, गायत्री मंत्र का जाप करते समय, दिशा का ध्यान रखना भी अत्यंत आवश्यक है.
* अगर आप ब्रह्म मुहूर्त में जाप कर रहे हैं , तो पूर्व दिशा की ओर मुंह रख कर जाप करें. वहीं अगर शाम के वक्त जाप कर रहे हैं, तो पश्चिम की ओर मुंह करके जाप करें.
* ज्योतिष शास्त्र में, गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए, रुद्राक्ष की माला सबसे अच्छी होती है. लेकिन, आप तुलसी या चंदन की माला का भी उपयोग कर सकते हैं.
* गायत्री मंत्र का जाप, कुशा या आसन पर बैठकर, मन में करना चाहिए. गायत्री मंत्र, कभी भी जोर से बोलकर नहीं पढ़ा जाता है.
* गायत्री मंत्र का जाप करने पहले, एक लोटे में थोड़ा सा पानी रख लें. जप के बाद, इसे पूरे घर में छिड़क दें , इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है.
* गायत्री मंत्र का जाप, हमेशा एक दीपक जलाकर करना चाहिए. यह बहुत शुभ माना जाता है.
Astro nirmal
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