हनुमान जन्मोत्सव पूजा का शुभ मुहूर्त व विधि

हनुमान जन्मोत्सव पूजा का शुभ मुहूर्त व विधि

प्रेषित समय :21:30:16 PM / Mon, Apr 22nd, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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ऐसी मान्यताएं हैं कि हनुमान जी आज भी सशरीर धरती पर मौजूद हैं, इसलिए इसे हनुमान जन्मोत्सव कहना भी गलत नहीं होगा. कहते हैं कि बजंरगबली का नाम लेने से ही दुख, संकत, भूत, पिशाच कोसों दूर भाग जाते हैं तभी तो तुलसीदास ने हनुमान जी को लेकर लिखा है, 'संकट कटे मिटे सब पीरा,जो सुमिरै हनुमत बल बीरा  इसका अर्थ है,हनुमान जी में हर तरह के कष्ट, ताप को दूर करने की क्षमता है. आइए जानते हैं कि इस बार हनुमान जन्मोत्सव किस दिन मनाई जाएगी और इनकी पूजा का शुभ मुहूर्त व विधि क्या है.
#हनुमान_जन्मोत्सव
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल 2024 को सुबह 03 बजकर 25 मिनट पर आरंभ होगी और 24 अप्रैल 2024 को यानी अगले दिन सुबह 05 बजकर 18 मिनट पर इसका समापन होगा. ऐसे में हनुमान जन्मोत्सव का त्योहार 23 अप्रैल दिन मंगलवार को ही मनाया जाएगा. हनुमान जन्मोत्सवजब मंगलवार या शनिवार के दिन पड़ती है तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है!

#हनुमान_जन्मोत्सव_का_शुभ_मुहूर्त:-
हनुमान जन्मोत्सव पर बजरंगबली की पूजा के दो शुभ मुहूर्त रहने वाले हैं. पहला शुभ मुहूर्त सुबह के वक्त रहेगा, जबकि दूसरा मुहूर्त रात्रिकाल में होगा!
#पहला_शुभ_मुहूर्त:- 23 अप्रैल को सुबह 09 बजकर 03 मिनट से दोपहर 01 बजकर 58 मिनट तक
#दूसरा_शुभ_मुहूर्त:- 23 अप्रैल को रात 08 बजकर 14 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 35 मिनट तक!
#हनुमान_जन्मोत्सव__पूजा_विधि:-
हनुमान जन्मोत्सव पर सुबह स्नानादि के बाद बजरंगबली की पूजा का संकल्प लें. हनुमान जी की पूजा अबूझ मुहूर्त देखकर ही करें. सबसे पहले उत्तर-पूर्व दिशा में चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं,
 हनुमान जी के साथ श्री राम जी के चित्र की स्थापना करें. हनुमान जी को लाल और राम जी को पीले फूल अर्पित करें. लड्डू के साथ-साथ तुलसी दल भी अर्पित करें. पहले श्री राम के मंत्र ऊं राम रामाय नमः का जाप करें. फिर हनुमान जी के मंत्र ऊं हं हनुमते नमः का जाप करें!
#हनुमान_जन्मोत्सव_का_महत्व:-
हिंदू धर्म में हनुमान जयंती का विशेष महत्व है. इस पर्व को शक्ति, भक्ति और निष्ठा का प्रतीक माना जाता है. इस दिन हनुमान जी की विधिवत पूजा करने से व्यक्ति को हर तरह की बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही भगवान श्री राम भी प्रसन्न होते हैं और कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है. ऐसी मान्यता है कि भगवान हनुमान का जन्म सूर्योदय के समय हुआ था. इसी के कारण इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि करने के साथ हनुमान जी की विधिवत पूजा की जाती है.
 इसके साथ ही इस हनुमान चालीसा, मंत्र आदि पड़ने से वह जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं!!
Astrologer - Nawal Pandey
Nawal Pandey

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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