पुत्र है तो पुत्री और पुत्री है तो क्या पुत्र हो पायेगा!

पुत्र है तो पुत्री और पुत्री है तो क्या पुत्र हो पायेगा!

प्रेषित समय :21:49:09 PM / Mon, Apr 22nd, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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आज बात करते है पुत्र पुत्री दोनो सन्तान किन्हें हो पाएगी साथ ही यदि केवल पुत्र सन्तान है तो क्या पुत्री भी हो पाएगी और पुत्री ही है तो क्या पुत्र भी हो पायेगा साथ ही सन्तान सुख होना जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण सुख है इसी से घर परिवार आगे बढ़ता है, सन्तान सुख होने से घर आनंदित रहता है आदि.

पति-पत्नी की जन्मकुंडली का 5वा भाव बच्चे या सन्तान सुख का है तो ग्रहो में शुक्र चन्द्र स्त्री ग्रह होने से कन्या सन्तान सुख तो बाकी सूर्य मंगल गुरु पुरूष ग्रह होने से पुरुष सन्तान तो बुध शनि राहु केतु जिस भी तरह की राशि स्त्री या पुरूष राशि या स्त्री या पुरुष ग्रहो जिस भी तरह की राशि/जिस भी तरह के ग्रहो से सम्बन्ध बनाकर बैठे है उसी अनुसार सन्तान हो जाएगी.

1,3,5,7,9,11 पुरूष राशि है तो 2,4,6,8,10,12 स्त्री राशियां है.अब समझते है लड़की लड़का दोनो सन्तान किन्हें होगी या केवल पुत्र सन्तान होगी या फिर केवल कन्या सन्तान ही होंगी?पाँचवे भाव/पाँचवे भाव स्वामी(सन्तान भाव)5वे भाव मे पुरुष राशि केवल पुरुष ग्रह ही बैठे है या केवल पुरूष ग्रह दृष्टि डाल रहे है या पांचवे भाव स्वामी के साथ केवल पुरुष ग्रह ही सम्बन्ध बना रहे है तब केवल और केवल पुत्र सन्तान ही होंगी, अब 5वे भाव मे केवल उपरोक्त बताई स्त्री राशि है और स्त्री ग्रह ही 5वे भाव मे बैठे है, 5वे भाव को देख रहे है या 5वे भाव स्वामी के साथ बैठे है पुरुष ग्रहो का कोई विशेष प्रभाव नही है तब केवल लड़की सन्तान ही होंगी..   बाकी अब 5वे भाव मे या 5वे भाव पर या फिर 5वे भाव स्वामी के साथ पुरुष स्त्री दोनो तरह के ग्रहो का बलवान शुभ स्थिति में प्रभाव या सम्बन्ध है तब लड़की लड़का दोनो ही हो जायेगे..                       

जन्मकुंडली/सप्तमांश कुंडली(सन्तान सुख की मुख्य कुंडली) दोनों में से किसी मे लड़की लड़का सन्तान सुख योग बने तब दोनो और केवल लड़के के बने तब लड़का और केवल लड़की सन्तान योग बने तब केवल लड़की सन्तान सुख और फल ही मिल पायेगा..                   

अब इन्ही उपरोक्त सभी बातों को कुछ छोटे छोटे उदाहरणों से समझते है दोनों लड़की लड़का सन्तान हो पाएगी या नही या फिर केवल लड़का होगा या केवल लड़की सन्तान ही होगी आदि??                                                                     
#वृष_लग्न_उदाहरण_अनुसार1:- वृष लग्न में 5वे भाव मे कन्या राशि मतलब स्त्री राशि होने से यदि 5वे भाव मे स्त्री ग्रह शुक्र चन्द्र ही बैठे या देख रहे है या फिर 5वे भाव कन्या राशि स्वामी बुध के साथ शुक्र चन्द्र का ही सम्बन्ध है तब केवल कन्या सन्तान ही होगी.अगर पुरुष ग्रहो मंगल सूर्य गुरु का सम्बन्ध 5वे भाव या बुध से नही है तब केवल लड़की ही होगी..                                                                          
 *उदाहरण के* अनुसार_सिंह_लग्न2:- सिंह लग्न में 5वे भाव स्वामी गुरु और 5वे भाव मे धनु पुरुष राशि होती है अब 5वे भाव या फिर 5वे भाव स्वामी गुरु ग्रह से केवल सूर्य या मंगल है तब लड़का ही सन्तान होगी या फिर 5वे भाव या 5वे भाव स्वामी गुरु से किसी पुरुष राशि ,1,3,5,7,9,11 इन राशियो में पंचमेश गुरु से बुध शनि राहु केतु का शुभ स्थिति में सम्बन्ध है तब केवल भी लड़का ही होगा, स्त्री राशियो में सम्बन्ध बुध या शनि का हुआ तब लड़की होने की संभावनाएं बनेगी या फिर स्त्री ग्रहो शुक्र चंद्र भी 5वे भाव या गुरु से सम्बन्ध में है तब लड़की भी हो जाएगी वरना केवल लड़के ही होंगे..  

#उदाहरण_अनुसार_कर्क_लग्न3:- कर्क लग्न में पाँचवे भाव स्वामी मंगल है अब 5वे भाव मे वृश्चिक राशि(स्त्री राशि)होने से मंगल के साथ स्त्री पुरुष दोनों तरह के ग्रहो का सम्बन्ध है और मंगल यहाँ पुरुष राशि मे शुभ स्थान में बैठा है तब लड़की लड़का दोनो ही होंगे, क्योंकि स्त्री पुरूष दोनो तरह के राशियो और ग्रहो का संबंध कुंडली मे सन्तान से बना हुआ है..  आचार्य आनन्द जालान के अनुसार 5वा भाव और 5वे भाव स्वामी जितना ज्यादा शुभ होगा  सन्तान सुख उतना उत्तम रहेगा और 5वा भाव और 5वे भाव स्वामी पीड़ित है या अशुभ हुआ तब सन्तान होने में बाधा भी आएगी/सन्तान सुख में आगे कमी भी रहेगी.सन्तान प्राप्ति/सन्तान होने में बाधा आ रही हैं.

आचार्य आनन्द जालान.  दिल्ली 
Anand Jalan

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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