रामदेव और बालकृष्णा ने पतंजलि के भ्रांतिकारी विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद नई 'जनता की माफी' जारी की। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें चेतावनी दी थी कि वे जनता को गुमराह करने वाले विज्ञापनों का प्रयोग न करें।
उन्होंने कहा कि वे अपने कारोबारी उपायों के कारण यदि किसी भी व्यक्ति को अनिवार्य रूप से अस्वीकार्य या असंगत महसूस हुआ हो, तो वह इसके लिए खेद प्रकट करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में रामदेव और बालकृष्णा को १५ लाख रुपये का जुर्माना भुगतने के आदेश भी जारी किए हैं।
जस्टिस कोहली ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ''मैं विज्ञापन का वास्तविक आकार देखना चाहता हूं.'' न्यायाधीश ने आगे पूछा कि क्या माफी का आकार उसके विज्ञापनों के समान है या नहीं।
पीठ ने मंगलवार को कहा, "अब हम सब कुछ देख रहे हैं... हम बच्चों, शिशुओं, महिलाओं को देख रहे हैं और किसी को भी सवारी के लिए नहीं ले जाया जा सकता है और केंद्र सरकार को इस पर जागना चाहिए।"
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पूर्व क्रिकेट स्टार वेंकटेश प्रसाद का IPL में PM के राजस्थान भाषण विवाद पर तंज
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