अरहर, उड़द व अन्य दालों की और घटेंगी कीमतें, केंद्र सरकार की चेतावनी के बाद कम होने लगी कीमतें
Reporter : reporternamegoeshere
नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के बीच अरहर और उड़द दाल की जमाखोरी के खिलाफ मोदी सरकार एक्शन में आ गई है. केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर राज्य सरकारों को सख्त निर्देश दिए हैं. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है. केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि अरहर और उड़द दाल की जमाखोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए. बता दें देश में लोकसभा चुनाव के बीच दाल की जमाखोरी कर कुछ लोग दाल की कीमतों को आसमान पर ले जाने की कोशिश में जुटे हैं, जिससे चुनाव में दाल एक मुख्य मुद्दा बन जाए.
केंद्र सरकार ने अफसरों की उन राज्यों में जाने का निर्देश दिया है, जहां पर दाल की कीमतें बढ़ गई हैं. इस सप्ताह केंद्र सरकार की कई टीमें महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश जाएगी. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद जिले के कलेक्टरों ने छापेमारी अभियान शुरू कर दिया है. खाद्य आपूर्ति विभाग उन जगहों पर छापेमारी कर रही है,जहां दाल की जमाखोरी की जा रही है.
दाल की बढ़ती कीमतों पर नकेल कसने की तैयारी
केंद्र सरकार ने यह निर्णय दाल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए लिया है. केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से कहा है कि जिलेवार दाल की कीमतों का पता कर बताएं. जिस जिले में भी अगर दाल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि का पता चलता है तो तुरंत कार्रवाई करें. इसके लिए राज्य स्तर औऱ जिला स्तर पर जांच दल गठित कर अभियान चलाया जाए.
बता दें कि कुछ माह पहले भी इसी तरह अभियान चलाकर जमाखोरों पर कार्रवाई की गई थी. इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों में हजारों टन दाल जब्त की गई थी. इसके बाद कीमतें घटी थीं, लेकिन लोकसभा चुनाव के ऐलान के बाद से अप्रैल के शुरुआत में दाल की कीमतों में तेजी आ गई है. पिछले दो दिनों में बिहार, यूपी, राजस्थान, एमपी और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में तुअर दाल के कीमतों में 20 से 30 रुपये की गिरावट आई है. इन राज्यों में उड़द की दाल 200 रुपये से गिरकर दाम 170-180 रुपये तक पहुंच गया है. वहीं, अरहर भी 170 -180 रुपये तक आ गया है. उड़द के दामों में सबसे अधिक 20 रुपये की गिरावट आई है.
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से दाल की कीमतों में अचानक आई तेजी का कारण सरकार समझ नहीं पा रही थी. देश में पर्याप्त भंडार होने के बाद भी दाल की कीमतों का बढऩे का कारण समझ नहीं आ रहा था. इसलिए केंद्रीय टीम देश के सात राज्यों का दौरा करने जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक, पिछले दिसंबर से इस साल जून तक पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दी थी. यह प्रयास घरेलू बाजार में अरहर और उड़द की कमी के बीच दालों की आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को स्थिर करने के लिए किया गया था. लेकिन, पिछले कुछ दिनों से इसका भी असर नहीं दिख रहा था.
Source :
palpalindia
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