सूर्य गणेश दुर्गा शिव विष्णु ये पंचदेव कहे गए है. अतः सभी कार्योँ मेँ की जानी चाहिए
कल्याण चाहने ग्रहस्थ एक मूर्ति पूजन न करेँ. कनेक मूर्ति पूजन कल्याण करी माना गया है
अपने घर में दो शिवलिंग तीन गणेश दो सूर्य तीन दुर्गा प्रतिमा व दो शालग्राम न रखे ये अशांती का कारण बनतेँ
शालग्राम की प्राण प्रतिष्ठा नही होती
गंगा जी शालग्राम शिला व शिवलिंग मे सर्वदेव पूजन बिना आव्हान किया जा सकता है.
तुलसी व बेलपत्र को बिना स्नान नही तोडा जाता
कूशा के अग्रभाग से देवताओ पर जल न चढावेँ
विष्णु जी को चावल गणेश जी को तुलसी दुर्गा जी को दूर्वा सूर्यदेव को बेलपत्री न चढावे
वस्त्र पर रखा जल मे डुबोया पुष्प निरमाल्य हो जाता है अतः ये देवता पर न चठावेँ
दीपक को दीपक से न जलावे इससे रोग होता है
विष्णुजी को तुलसी गणेश जी को दूब सूर्य देव को आक का पुष्प लक्ष्मी जी को कमल का पुष्प शिव जी को धतूरा अतिप्रीय हैँ
पान की डंडी से व्याधी और अग्रभाग से कुबुद्दी होती है अतः इन्हे तोड कर ही चढावेँ.
Pukhraj Mewara
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कलयुग में हर तरफ राहु ही राहु, कुंडली में इस ग्रह को शुभ कैसे करें
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