नई दिल्ली. नीट पेपर लीक को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है. इस बीच पेपर लीक माफिया बिजेंद्र गुप्ता ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि कैसे 200-300 करोड़ रुपए कमाने के लिए माफियाओं ने लाखों छात्रों का जीवन बर्बाद किया.
नीट पेपर लीक को लेकर इंडिया टुडे ने रिपोर्ट प्रकाशित किया है. इसमें पेपर लीक करने वाले नेटवर्क के अहम सदस्य से बात की गई है. बिजेंद्र पहले भी कई पेपर लीक मामलों में शामिल रहा है. उसे दो बार गिरफ्तार किया गया, लेकिन पुलिस से बच निकलने में कामयाब रहा. उसने मार्च में ही बता दिया था कि इस बार नीट-यूजी का पेपर लीक होने वाला है. यह वीडियो वायरल हुआ था.
बिजेंद्र गुप्ता 2023 में हुए नीट एग्जाम पेपर लीक मामले में भी शामिल थे. ओएसएससी और मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस कमिशन पेपर लीक मामले में भी उनका नाम आया था. वह 24 साल से पेपर लीक नेटवर्क में हैं. बिजेंद्र का दावा है कि इस धंधे में नेटवर्किंग ही सब कुछ है.
बिजेंद्र ने बताया कि नीट-यूजी पेपर लीक का टारगेट 700 छात्र थे. रैकेट का लक्ष्य 200-300 करोड़ रुपए कमाना था. इसका मतलब है कि रैकेट ने 700 छात्रों को पैसे लेकर लाभ पहुंचाने के लिए पेपर लीक कराया. बिजेंद्र ने बताया कि पेपर लीक रैकेट से जुड़े लोगों के लिए जेल जाना नई बात नहीं है. वे जेल जाते हैं, जमानत पर बाहर आते हैं और फिर उसी खेल में लग जाते हैं.
नीट-यूजी पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी संजीव मुखिया फरार है. बिजेंद्र गुप्ता ने उसके बारे में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि संजीव मुखिया पेपर लीक मामले में एक दशक से शामिल है. वह शुरू में कान में ब्लूटूथ लगाकर परीक्षा देता था. संजीव मुखिया पर करीब 30 करोड़ रुपए का कर्ज है, लेकिन वह इस रैकेट से दूर नहीं हुआ. बिजेंद्र ने दावा किया कि संजीव मुखिया का बेटा शिवा जो बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक के लिए पहले से ही जेल में है, नीट-यूजी पेपर लीक मामले में शामिल था.
कैसे लीक हुआ नीट-यूजी का पेपर?
बिजेंद्र ने यह भी बताया कि नीट-यूजी का पेपर कैसे लीक हुआ. उन्होंने कहा कि इसके लिए कई टीमें लगी होंगी. इसका बहुत बड़ा नेटवर्क है. पेपर सेंटर पर बांटने के लिए भेजे जाने के दौरान लीक हुआ होगा. इसके बाद छात्रों के पास भेजा गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-NEET 2024: नीट धांधलियों की जांच सीबीआई के जिम्मे, NTA के डीजी हटाए गए
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