झारखंड के पूर्व CM हेमन्त सोरेन को हाईकोर्ट ने दी जमानत, कहा मनी लांड्रिंग मामले में शामिल होने के कोई ठोस सबूत नहीं

झारखंड के पूर्व CM हेमन्त सोरेन को हाईकोर्ट ने दी जमानत, कहा मनी लांड्रिंग मामले में शामिल होने के कोई ठोस सबूत नहीं

प्रेषित समय :17:00:26 PM / Fri, Jun 28th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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रांची. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को आज हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. वे पांच माह बाद रांची की बिरसा मुंडा जेल से बाहर आ गए हैं. जेल के बाहर समर्थकों ने उनका स्वागत किया. उनकी पत्नी कल्पना सोरेन भी उन्हें लेने के लिए जेल पहुंची थीं. आज सुबह जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिली है. हाईकोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग केस में शामिल होने के ठोस सबूत नहीं मिले हैं.

जमानत याचिका पर 13 जून को सुनवाई पूरी हो चुकी थी. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की कोर्ट में पिछले तीन दिनों तक सुनवाई हुई. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद JMM ने X पर हर अत्याचारी का अंत बुरा ही होता है. तानाशाहों के पास जितनी भी शक्ति है, बंदूक, गोले बारूद हों. अंत में हमेशा सत्य की ही जीत होती है. वहीं शरद पवार ने कहा कि उन्हें राजनीति से प्रेरित मामले में जेल भेजा गया. 149 दिन के संघर्ष को आज न्याय मिला. कोर्ट से हेमंत सोरेन को मिली जमानत से यह अहसास और मजबूत हो गया है कि सत्य की जीत अब ज्यादा दूर नहीं है. हम एनडीए सरकार से मांग करते रहेंगे कि वह बदले की भावना से कोई कार्रवाई न करे. यह सुनिश्चित करने का प्रयास करे कि लोकतंत्र संविधान के अनुरूप फले-फूले. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि महत्वपूर्ण आदिवासी नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक मामले के कारण इस्तीफा देना पड़ा था. लेकिन आज उन्हें माननीय उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है. हेमंत हमारे बीच फिर से आपका स्वागत है.

ED ने जमानत का किया था विरोध-

13 जून को ED की ओर से वकील एसवी राजू ने कहा कि हेमंत सोरेन को जमानत नहीं दी जा सकती है. वे प्रभावशाली व्यक्ति हैं. उन्हें जमानत मिली तो वे राज्य की मशीनरी का इस्तेमाल करते हुए जांच को प्रभावित कर सकते हैं. ED ने   कोर्ट में आरोप लगाया कि हेमंत सोरेन ने अवैध तरीके से बडग़ाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जा किया है. यह PMLA-2002 में निहित प्रावधानों के अनुसार मनी लॉन्ड्रिंग है. हेमंत सोरेन का पक्ष सुप्रीम कोर्ट की वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने रखा. उन्होंने कहा कि इस केस में मनी लान्ड्रिंग का मामला नहीं बनता है. यह पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध का मसला है. उन्होंने कहा कि ED ने अपनी चार्जशीट में जिस जमीन पर बैंक्वेट हॉल बनाने की बात कही है वह महज उसका अनुमान है. इससे पहले हेमंत सोरेन के वकील ने कोर्ट को बताया कि जिस 8.86 एकड़ जमीन को लेकर ED कार्रवाई कर रही है. वह उनके नाम है ही नहीं. ईडी सिविल मामले को क्रिमिनल बना रही है. ऐसे में उन्हें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर जमानत दी जाए.

सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया था-

इससे पहले हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत की गुहार लगाई थी. सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल पूर्व CM की पैरवी कर रहे थे. सुप्रीम कोर्ट में 21-22 मई को वेकेशन बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सोरेन की ओर से फाइल की गई याचिका में फैक्ट को छिपाया गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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