लखनऊ. अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और उद्घाटन के बाद शहर विश्व पटल पर छा गया. लाखों श्रद्धालुओं के अयोध्या आकर प्रभु श्रीराम के दर्शन से यहां पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है. पहली बारिश ने ही रामनगरी के विकास की पोल खोल दी. सबसे दुर्गति नवनिर्मित राम पथ मार्ग का है, जो राम मंदिर की ओर जाता है, करीब 14 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो जाने की वजह से योगी सरकार की खूब किरकिरी हुई. भ्रष्टाचार का मामला सामने आते ही योगी सरकार ने एक्शन लेते हुए छह अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है. सरकार ने इसे अधिकारियों की घोर लापरवाही माना है.
उधर, अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी ने कहा कि जलभराव की सूचना मिलने के बाद बारिश के पानी को बाहर निकाला जा रहा. पिछले शनिवार को भी भारी बारिश से जलभराव के बाद मंदिर में रिसाव होने लगा था.
राम मंदिर के मुख्य पुजारी ने किया था छत से पानी टपकने का दावा
श्री राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने दावा किया था कि मंदिर की छत से टपकने वाला बारिश का पानी परिसर के अंदर जमा हो रहा है. मंदिर परिसर से बारिश के पानी को बाहर निकालने की कोई व्यवस्था नहीं थी. हालांकि, रिसाव के दावों को मंदिर निर्माण ट्रस्ट ने खारिज कर दिया था. मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि छत से पानी की एक भी बूंद नहीं टपकी, न ही कहीं से गर्भगृह या गर्भगृह में पानी घुसा है. बारिश के पानी की निकासी के लिए मंदिर में उत्कृष्ट व्यवस्था की गई है. राय ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि छत से पानी रिस रहा है, लेकिन वास्तव में यह मंदिर की पहली मंजिल पर चल रहे निर्माण कार्य के कारण नाली के पाइप से आ रहा था.
विपक्ष ने बोला हमला
विपक्षी नेताओं ने भाजपा पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने आरोप लगाया कि यहां तक कि पूजा स्थल भी भाजपा के लिए लूट का स्रोत हैं.
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