हाथरस. उत्तरप्रदेश के हाथरस स्थित फुलरई गांव में भोलेबाबा के सत्संग में मची भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो चुकी है. जिनका चार जिले हाथरस, अलीगढ़, एटा व आगरा में रातभर शवों का पोस्टमॉर्टम हुआ. परिजन अपनों की लाश को लेकर इधर-उधर भटकते रहे. हाथरस हादसे में प्रशासन की पहली रिपोर्ट सामने आई. इसमें कहा गया है कि हादसा भोले बाबा के चरणों की धूल लेने की वजह से हुआ. बाबा के सेवादारों ने लोगों से धक्का.मुक्की की. इससे भगदड़ मच गई.
हादसे की खबर मिलते ही सीएम योगी आदित्यनाथ आज पूर्वान्ह 11.30 बजे के लगभग हाथरस पहुंच गए. उन्होने अस्पताल में घायलों से मुलाकात की, इसके बाद घटनास्थल पहुंचकर अधिकारियों से हादसे की जानकारी दी. उन्होने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि यह हादसा साजिश जैसा है. लोग मरते गए, सेवादार वहां से भाग गए. उन्होंने न तो प्रशासन को सूचना दी और न ही मदद की और ली. प्रशासन की टीम जब पहुंची तो सेवादारों ने उन्हें आगे जाने नहीं दिया. हमने भी कुंभ जैसे बड़े आयोजन किए लेकिन ऐसी चीजें नहीं आईं. सीएम ने कहा कि जांच के लिए ैएसआईटी का गठन किया. हाईकोर्ट के रिटायर जज, पुलिस के सीनियर रिटायर ऑफिसर की टीम भी मामले की जांच करेगी, जो भी दोषी होगा उसको सजा देंगे.
इधरए प्रयागराज के वकील गौरव द्विवेदी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीआईएल दायर करके हादसे की सीबीआई जांच की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट में वकील विशाल तिवारी ने एक पीआईएल दाखिल की. इसमें रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में 5 विशेषज्ञों की कमेटी बनाकर जांच की मांग की गई है. देर दात हादसे में 22 लोगों के खिलाफ सिकंदराराऊ थाने के दरोगा ने एफआईआर दर्ज कराई. इसमें मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर का नाम है. बाकी सब अज्ञात हैं. चौकानेे वाली बात है कि इसमें मुख्य आरोपी भोले बाबा उर्फ हरि नारायण साकार का नाम ही नहीं है. हादसे के बाद से बाबा अंडरग्राउंड हो गया. पुलिस रातभर उसकी तलाश में छापेमारी करती रही. मैनपुरी में बाबा के आश्रम में पहुंचीए लेकिन वह नहीं मिला. मैनपुरी में आश्रम के बाहर पुलिस तैनात है. सीएम योगी ने कहा कि हमने कुंभ जैसे बड़े-बड़े कार्यक्रम हमने किए हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है. इस घटना के तह तक जाने की जरूरत है. हम इसकी जांच कर रहे हैं. मामले में एफआईआर हुई है. केंद्र और राज्य ने आर्थिक सहायता की घोषणा की है. जो लोग हादसे के शिकार हुए हैं.
ऐसे हुआ हादसा-
सत्संग खत्म होने के बाद भोले बाबा निकले तो चरण रज लेने के लिए महिलाएंं टूट पड़ीं. भीड़ हटाने के लिए वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन का उपयोग किया. बचने के लिए भीड़ इधर-उधर भागने लगी और भगदड़ मच गई. लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए आगे बढऩे लगे.
अनुमति 80 हजार की, पहुंचे थे ढाई लाख-
सत्संग के लिए प्रशासन ने 80 हजार लोगों की अनुमति दी थी, लेकिन ढाई लाख लोग पहुंच गए थे. भगदड़ हुई तो सेवादार गेट पर खड़े हो गए. उन्होंने लोगों को रोक दिया.
भीड़ में लोग कु चलकर मरते रहे, सेवादार भाग गए-
योगी ने कहा कि प्रशासन प्रथम दृष्ट्या मानकर चलता है कि धार्मिक आयोजन में सेवादार अंदर की जिम्मेदारी निभाएंगे. सावधानी के लिए प्रशासन अपनी फोर्स तैनात करता है. अंदर व्यवस्था का संचालन और देखरेख सेवादार करते हैं. जहां धार्मिक भावनाओं से लोग आते हैंए तब भीड़ अनुशासित रहती है. लेकिन जब यही कार्यक्रम निहित स्वार्थी तत्वों के हाथों का खिलौना बन जाता हैए तब अनुशासनहीनता का कारण बनता है. इसका शिकार वो निर्दोष व्यक्ति होता है जो धार्मिक श्रृद्धा के साथ वहां आता है.
सीएम बोले दुखद घटनाओं में भी कुछ लोग राजनीति करते हैं-
सीएम योगी ने अखिलेश यादव का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोगों की आदत होती है कि इस प्रकार के दुखद व दर्दनाक घटनाओं में भी वो राजनीति ढूंढते हैं. ऐसे लोगों की फितरत है कि चोरी भी और सीनाजोरी भी करते हैं. सभी जानते हैं कि उनके संबंध किससे हैं और उनकी फोटो किसके साथ है. हमारे तीन मंत्री यहां कैंप कर रहे हैं. मुख्य सचिव और पुलिस अधिकारी भी हैं. पूरी घटना की जिम्मेदारी तय करने और जवाबदेही तय करने की कार्रवाई की जा रही है. जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी. न्यायिक कार्रवाई के निर्देश भी आज शासन जारी कर देगा.
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