पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी हाईकोर्ट ने टीचर द्वारा एक डाक्टर पर दर्ज कराया रेप के स को रद्द कर लिया है. टीचर ने शादी का झांसा देकर बलात्कार करने का आरोप लगाया था. हाईकोर्ट ने कहा कि दस साल तक दोनों की दोस्ती रही और रजामंदी से संबंध बने है. अब लड़की का यह कहना कि लड़के ने शादी का झांसा देकर दस साल तक रेप किया था है. लड़के का शादी करने का वादा सच्चा या फिर झूठा, यह समझने में इतना वक्त नहीं लगता है.
हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी ने सुनवाई के दौरान कहा कि 2010 में जब पहली बार संबंध बने थे. उस वक्त शिकायत करने का कारण था. 2020 तक यह रिश्ता जारी रहा. फिर 10 साल तक युवती ने कोई शिकायत नहीं की. विश्वास करना मुश्किल है कि शादी के झूठे वादे पर शारीरिक संबंध जारी रखा गया था. हाईकोर्ट ने दोहराया कि शादी का झूठा वादा और शादी करने का वास्तविक वादा तोडऩे के बीच अंतर है. बेशक ऐसी परिस्थितियां हो सकती हैं जब नेक इरादे वाला व्यक्ति विभिन्न अपरिहार्य परिस्थितियों के कारण पीडि़ता से शादी करने में असमर्थ हो. ऐसे मामलों में कोई महिला यह दावा नहीं कर सकती कि जब उसने शारीरिक संबंध बनाया तो वह तथ्यों को लेकर गलत धारणा में थी. हाईकोर्ट ने आगे कहा कि एक महिला इसलिए शादी के बहाने बलात्कार का आरोप नहीं लगा सकती है कि उससे किया गया शादी का वादा झूठा था और यह समझने में इतने साल लग गए. याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट मनीष दत्त और ईशान दत्त कोर्ट में उपस्थित हुए. गौरतलब है कि कटनी जिले में रहने वाली 34 वर्षीय टीचर ने वर्ष 2021 में डाक्टर पर रेप का मामला दर्ज कराया था. टीचर ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए कहा था कि 2010 से हम हाईस्कूल से एक दूसरे को जानते है. 2020 तक रिलेशन में रहे. आरोपी ने वादा किया था कि वह शादी कर लेगा, लेकिन बाद में शादी करने से मना कर दिया. पिता को इस बात की जानकारी लगी. इसके बाद मामला दर्ज कराया, मामला कटनी के सेशन कोर्ट में पहुंचा. यहां से जमानत मिल गई थी. फिर ट्रायल के बीच डाक्टर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी हाईकोर्ट के नए कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा बने, शील नागू पंजाब-हरियाणा के सीजे नियुक्त
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