दमोह. जैन संत आचार्य विराग सागर महाराज की महाराष्ट्र में समाधि के समाचार से मध्य प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई. आचार्य श्री का जन्म दमोह जिले में हुआ था. आचार्य विद्यासागर जी के बाद 4 जुलाई को आचार्य विराग सागर की समाधि से जैन समाज को बड़ी क्षति हुई है. आचार्यश्री ने 300 से अधिक मुनि, आर्यिका को दीक्षित किया है. विराग सागर जी महाराज की समाधि पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है.
मध्यप्रदेश के दमोह के पथरिया में जन्मे आचार्य विराग सागरजी महाराज ने महाराष्ट्र के जालना गांव में समाधि ले ली. उनकी समाधि का समाचार पाकर जैन समाज में शोक की लहर दौड़ गई है. जैन संत आचार्य विराग सागर की समाधि अंतिम डोला सुबह 11 बजे अक्षय मंगल कार्यालय, देव मूर्ति, ग्राम सिंदखेड राजा रोड जालना से एक किलोमीटर दूर स्थित पाटनी फार्म परिसर देवमूर्ति ग्राम में हो रहा है.
फरवरी 2024 में आचार्य विद्यासागरजी महाराज के बाद जैन समाज के बड़े संत आचार्य विराग सागरजी महाराज की समाधि को बड़ी क्षति बताया गया है. जैन समाज के मुताबिक आचार्य श्री 300 से अधिक मुनि और आर्यिका को दीक्षित कर चुके हैं.
सीएम ने दी श्रद्धांजलि
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गणाचार्य विराग सागर जी महाराज के समाधि लेने पर विनम्र श्रद्धांजलि दी है. मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि दिगंबर महामुनि संघ नायक, बुंदेलखंड के प्रथम जैन गणाचार्य श्री 108 आचार्य श्री विराग सागर जी महाराज समाधिस्थ हो गए हैं. विराग सागर जी महाराज के मंगलमय विचार और लोकहितकारी जीवन सर्वदा मानवता के कल्याण के दिव्य प्रकाश पुंड को देदीप्यमान रखेंगे. विनम्र श्रद्धांजलि.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-MP: दमोह में होमगार्ड जवान की तलवार मारकर हत्या, बेटे-भतीजे को सरेराह गोलियां मारी..!
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