Jabalpur: रेलवे के सीडीओएम की मनमानी, गलती करे कोई, सजा भुगते कोई, भड़की WCREU, करेंगे आंदोलन

Jabalpur: रेलवे के सीडीओएम की मनमानी, गलती करे कोई, सजा भुगते कोई, भड़की WCREU, करेंगे आंदोलन

प्रेषित समय :19:28:44 PM / Mon, Jul 22nd, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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जबलपुर. पश्चिम मध्य रेलवे के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक (सीडीओएम) की मनमानी, तुगलकी फरमान का आरोप लगाते हुए वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने आगामी 24 जुलाई को डीआरएम कार्यालय परिसर में प्रदर्शन, आंदोलन करने का निर्णय लिया है. दरअसल यूनियन इस बात पर आक्रोशित है कि कई मामलों में रेल संचालन के दौरान गलती किसी और स्टाफ की थी, लेकिन सीडीओएम मनमाना निर्णय लेते हुए इस इसके लिए किसी अन्य कर्मचारी को दोषी मानते हुए धड़ाधड़ दंडित किये जा रहे हैं. यूनियन ने चेतावनी दी है कि सीडीओएम द्वारा कर्मचारियों को लगातार प्रताडि़त किया जा रहा है, उसे बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

इस संबंध में यूनियन के जबलपुर मंडल अध्यक्ष बीएन शुक्ला व मंडल सचिव रोमेश मिश्रा ने मंडल रेल प्रबंधक को एक पत्र लिखकर वर्तमान सीनियर डीओएम पर निरंकुश, मनमानी करने व तुगलकी फरमान जारी करके कर्मचारियों को लगातार प्रताडि़त करने, कर्मचारियों का शोषण करने, उनके भविष्य व करियर से खिलवाड़ करने का गंभीर आरोप भी लगाया है. सीडीओएम द्वारा की गई मनमानियों का विस्तार से विवरण भी जारी किया है. यूनियन ने आगामी बुधवार 24 जुलाई को सीनियर डीओएम के खिलाफ लंच के दौरान  गेट मीटिंग करने का निर्णय लिया है.

डबलूसीआरईयू ने इन मामलों पर उठाया गंभीर सवाल

1- विगत दिनों मैहर स्टेशन पर किसी कर्मचारी की लापरवाही से घटित असामान्य घटना के लिए स्टेशन अधीक्षक एवं यातायात निरीक्षक मैहर को जबाबदार ठहराते हुए आरोप पत्र जारी किया गया, जबकि इनकी कोई भूमिका घटना मे नहीं थी.
2- विक्रमपुर से एक गाडी थू निकल जाने के लिए याता. निरी. मदन महल को जवाबदार ठहराकर आरोप पत्र जारी किया गया. जबकि गाड़ी थू निकलने पर कार्यरत संबंधित स्टे. मास्टर जबाबदार होता है.
3- सिहोरा स्टेशन एक गाडी थू निकल जाने की जवाबदारी यातायात निरीक्षक जबलपुर पर थोप कर आरोप पत्र जारी किया गया, जबकि इसके लिए कार्यरत स्टे. मास्टर जबाबदार थे.
4- सागर गार्ड लॉची स्टाफ की लापरवाही के लिए ट्रेन मैनेजर काउंसलर सागर को जवाबदार ठहराकर निलम्बन किया गया है एवं चेतावनी पत्र जारी किया जा रहा है.
5- सी.डीओएम द्वारा रनिंग स्टाफ से रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित डयूटी के घंटों की अवहेलना कर उसे 14-14 घंटे कार्य कराया जा रहा है. उनके द्वारा अनावश्यक रूप से अधिक डयूटी करने का दबाव बनाकर परेशान किया जा रहा है.
6- अपने त्रुटीपूर्ण क्रू मैनेजमेन्ट सिस्टम एवं अनियमितता/असफल गाड़ी संचालन प्रबंधन पर पर्दा डालने हेतु रनिंग स्टाफ को बीच रास्ते में रोड साइड स्टेशनों पर छोटे-छोटे सुविधा विहीन रनिंग रूम बनाकर स्टाफ को रास्ते में रिलीव कर इन रनिंग रूमों में विश्राम लेने के लिये विवश किया जा रहा है. स्टाफ लगातार मुख्यालयों/ घर से दो-तीन दिनों तक लगातार गाडी संचालन करने के बाद मुख्यालय / घर लौट पाते है. जिस कारण रनिंग स्टाफ अत्यधिक दबाव व तनाव में कार्य करने मजबूर है.
7- स्टे.मा को प्रदत्त इम्प्रेस्ट राशि के खर्च पर अत्यधिक प्रतिबंध लगाए जाने से स्टे.मा. स्टेशन की अनिवार्य आवश्यकताओं पर भी इम्प्रेस्ट राशि खर्च नहीं कर पा रहे  है. जिसका विपरीत असर स्टेशन की व्यवस्थाओं पर पड़ रहा है.
8- प्वाइंट्स मैन कैडर के कर्मचारियों पर अत्यधिक अत्याचार किया जा रहा है. प्वाइंट्स मैन के सी.सी.टी.सी. के पद पर पदस्थी आदेश जारी किये जाने के महीनों बाद भी इन्हें प्वाइंट्स मैन के पद से सीसीटीसी के लिये रिलीव नहीं किया गया है.
9- 26 प्वाइंट्स गैन के ट्रेन मैनेजर (गुड्स) के पद पर विभागीय चयन में चयनित होने एवं 4 महीने पूर्व ट्रेनिंग पूर्ण कर लेने के बावजूद अभी तक इनको ट्रेन मैनेजर (गुड्स) के पद पर पदस्थी नहीं की गयी है.
10- 58 प्वाइंट्समैन विभागीय चयन में ट्रेन मैनेजर के पद पर चयनित हुए हैं. जिसका सिलेक्ट पैनल लगभग 01 वर्ष पूर्व जारी की गई थी. परन्तु इसमें से 27 कर्मचारियों को अभी तक ट्रेन मैनेजर (गुड्स) की ट्रेनिंग हेतु जेडआरटीसी भुसावल नहीं भेजा गया है.

11. छह प्वाइंट्समैन पिछले एक वर्ष पूर्व सी.सी.टी.सी के पद पर विभागीय चयन में चयनित हुए थे इन्हें आज तक ट्रेनिंग हेतु भुसावल नहीं भेजा गया.
12- सीनियर पैसेंजर गार्ड के लगभग 20 पद पिछले लम्बे समय से रिक्त पड़े हैं. इस पर पात्र कर्मचारियों को पदोन्नत नहीं किया जा रहा है. वरि.मं.वरि. प्रबंधक ने कार्मिक विभाग से स्पष्ट कह दिया है कि उनके पास किसी भी कर्मचारी की पदोन्नति संबंधी कोई फाइल प्रस्तुत ना करें. वे किसी को पदोन्नति नहीं देंगे.
12- सीनियर पैसेंजर गार्ड के लगभग 20 पद पिछले लम्बे समय से रिक्त पड़े हैं. इस पर पात्र कर्मचारियों को पदोन्नत नहीं किया जा रहा है. वरि.मं.वरि. प्रबंधक ने कार्मिक विभाग से स्पष्ट कह दिया है कि उनके पास किसी भी कर्मचारी की पदोन्नति संबंधी कोई फाइल प्रस्तुत ना करें. वे किसी को पदोन्नति नहीं देंगे.
13- सीडीओएम द्वारा कर्मचारियों को रोड साइड स्टेशनों से छोटी-छोटी बातों के लिए (साक्षात्कार) हेतु सुबह से कार्यालय में बुला लिया जाता है तथा पूरे दिन बैठाने के बाद शाम को 18.00 बजे या उसके बाद जब उनकी सभी गाडिय़ों छूट जाती हैं, तब उनसे साक्षात्कार किया जाता है. जिसके कारण उन्हें या तो रात्रि में यात्रा करना पड़ती है. या रात्रि विश्राम जबलपुर में ही करना पड़ता है.
14- अपनी घरेलू परेशानियों से ग्रस्त बडी संख्या में कर्मचारियों के स्वयं के अनुरोध पर मंडल के अन्दर ही स्थानान्तरणों आवेदनों को ये वजह लंबित रखा गया है. उन पर आगे कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है. जिसके कारण कर्मचारी घरेलू चिंताओं के साथ तनाव में रहकर डयूटी के रहें हैं.
15- कर्मचारियों के अर्न्त मंडलीय/अन्तरेलवे स्वयं के अनुरोध/आपसी स्थानान्तरणों के आवेदनों को लंबित रखा गया है, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
16- कर्मचारियों को छोटी-मोटी गलती के लिए लघु शास्ति/दीर्घ शास्ति आरोप पत्र जारी कर उन्हें स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने धमकाया जा रहा है. एस.डी.एण्डएआर नियमों का दुरुपयोग किया जा रहा है.
17. कर्मचारियों के ओवर टाइम में नियम विरूद्ध ढंग से कटौती कर उन्हें आर्थिक क्षति पहुँचाई जा रही है. तथा ओटीए बाउचर कार्मिक विभाग मे विलम्ब से भेजे जा रहे हैं.
18- प्रशासनिक आधार पर मिड सेशन में कर्मचारियों के रोटेशनल स्थानान्तरण किये जा रहे हैं.
19- सीडीओएम द्वारा नियम विरुद्ध मौखिक आदेश देकर संरक्षा के विरूद्ध कार्य कराया जा रहा है. जो रेल संरक्षा के लिए घातक है.

यूनियन ने दी ये चेतावनी

यूनियन ने रेल प्रशासन को चेतावनी देते हुए  कहा है कि वरि. मं.परि. प्रबंधक की उपरोक्त हिटलरशाही, निरंकुश कार्य शैली के कारण मंडल के परिचालन कर्मचारी एवं रनिंग स्टाफ अत्यन्त भय/तनाव एवं निराशा की मनोदशा में ड्यूटी कर रहे हैं, जो कर्मचारियों की सेहत एवं रेल संरक्षा दोनों के लिए अत्यंत घातक है. उक्त अधिकारी को अपनी कार्यशैली/कर्मचारी विरोधी मानसिकता में सुधार लाने प्रेरित किया जाये, ताकि कर्मचारियों में निरंतर बढ़ रहे आक्रोश को रोका जा सके. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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