पलप संवाददाता, जबलपुर. एमपी हाईकोर्ट ने बुरहानपुर की तीन ऐतिहासिक इमारतों को वक्फ बोर्ड का मानने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने आज एक याचिका पर निर्णय देते हुए कहा कि ये वक्फ बोर्ड की संपत्ति का हिस्सा नहीं हो सकती हैं. तीन इमारतों में से एक शाह शुजा स्मारक मुगल बादशाह शाहजहां की बहू बेगम बिलकिस की कब्र है.
बुरहानपुर के सैयद रजोद्दिन व सैयद लायक अली की अपील पर मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड ने 2013 में एक आदेश जारी कर इन तीनों इमारतों को अपनी संपत्ति घोषित कर दिया था. आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने 2015 में इसके खिलाफ याचिका दायर की. एएसआई ने हाईकोर्ट में बताया कि प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम 1904 के तहत इन तीनों इमारतों को प्राचीन और संरक्षित स्मारक की श्रेणी में रखा गया था. वक्फ बोर्ड इन्हें अपनी संपत्ति नहीं मान सकता. हाईकोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने आज को सुनवाई करते हुए वक्फ बोर्ड के आदेश को रद्द कर दिया. उन्होंने कहा शाहशुजा स्मारक, नादिर शाह का मकबरा व किले में स्थित बीवी साहब की मस्जिद प्राचीन व संरक्षित इमारत हैं. तीनों इमारत वक्फ बोर्ड अपने अधीन नहीं कर सकता. वर्ष 2015 में जब हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई थी, तब वक्फ बोर्ड के आदेश पर एएसआई को स्टे मिला था. अधिवक्ता कौशलेंद्र पेठीया ने बताया 2013 में मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड ने एएसआई को आदेश दिया कि आप अपना आधिपत्य इमारतों से खत्म करिए. पजेशन सैयद रजोद्दिन और सैयद लायक अली को दे दीजिए. इस ऑर्डर को रिट पिटीशन में चुनौती दी गई. तब जस्टिस आरएस झा ने इस ऑर्डर पर स्टे दिया. अब जस्टिस जीएस अहलूवालिया फैसला दिया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी: इस सूखे जिले में बारिश के लिए टोटका, गधा-गधी की कराई गई शादी
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