शिमला. हिमाचल प्रदेश के शिमला के जिले के रामपुर के झाखड़ी में समेज गांव में सब कुछ खत्म हो गया है. बादल फटने के करीब 60 घंटे बाद भी अब तक 36 लोगों का कुछ नहीं पता लगा है. 18 महिलाएं, 8 बच्चे और अन्य लोगों के बारे में कोई सुराग नहीं मिला है. यहां पर लोगों के अपनों के पास अब आंसूओं के सिवा कुछ नहीं बचा है. वह बस रोने के सिवा कुछ नहीं कर पा रहे हैं. उम्मीद करीब करीब टूट चुकी है.
गांव की महिला बक्शी केदारटा ने बताया कि इस हादसे में उनके परिवार से करीब 16 लोग लापता हुए है. घटना से तीन दिन पहले ही उन्होंने अपनी बेटी से बात की थी. उनकी बेटी का 4 साल का बेटा और 8 साल की बेटी भी लापता है. उनके बारे में कोई सुराग नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि अपने जीवन में उन्होंने ऐसा कोई मंजर नहीं देखा है.
समेज गांव से संबंध रखने वाली अनीता ने बताया कि घटना की रात वह गहरी नींद में सोई हुई थी. अचानक रात को साढ़े बारह बजे के करीब घर हिला और बाहर काफी शोर, आवाज़ें आ रही थीं, तब वह भी अपने बच्चों के साथ घर से बाहर आ गई और यहां से भाग कर ऊपर मंदिर में चले गए. हमने पूरी रात मंदिर में ही गुजारी. जब सुबह यहां आए तो कुछ नहीं बचा था. अब जीने का क्या फायदा जब अपना कोई रहा ही नहीं
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