- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8875863494)
* हरियाली तीज - बुधवार, 7 अगस्त 2024
* तृतीया तिथि प्रारम्भ - 6 अगस्त 2024 को 19:52 बजे
* तृतीया तिथि समाप्त - 7 अगस्त 2024 को 22:05 बजे
देवी पार्वती की पूजा-आराधना का प्रमुख दिन है- हरियाली तीज!
इस दिन महिलाएं माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं, निर्जला व्रत रखती हैं.
यह कठिन व्रत है, जिसमें महिलाएं पूरा दिन बिना भोजन और जल के रहती हैं और दूसरे दिन प्रातःकाल पवित्र स्नान और पूजा के बाद भोजन ग्रहण करती हैं.
इस व्रत की कथा भोलेनाथ ने देवी पार्वती को उनके पूर्व जन्म का स्मरण करवाने के उद्देश्य से कही थी- हे पार्वती! प्राचीन समय में तुमने हिमालय पर मुझे वर के रूप में पाने के लिए घोर तप किया था, तुमने अन्न-जल त्याग कर दिया था.
तुम्हारी मनोदशा देखकर तुम्हारे पिता बहुत दुखी और क्रोधित थे, तब देवऋषी नारद तुम्हारे महल पधारे और आगमन का कारण बताया कि- हे गिरिराज! मैं भगवान श्रीविष्णु के भेजने पर यहाँ आया हूँ जो आपकी बेटी की घोर तपस्या से प्रसन्न होकर वह उससे विवाह करना चाहते हैं.
देवऋषी नारद की बात सुनकर पर्वतराज अति प्रसन्न हुए और बोले- हे देव! यदि स्वयं भगवान श्रीविष्णु मेरी बेटी से विवाह करना चाहते हैं तो इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती. मैं इस शुभ विवाह के लिए तैयार हूं.
पर्वतराज की स्वीकृति पाकर देवऋषी नारद, श्रीविष्णु के पास गए और यह शुभ संदेश सुनाया, लेकिन जब तुम्हें इस बारे में पता चला तो तुम्हें बहुत दुःख हुआ. तुम मुझे मनोमन अपना पति मान चुकी थी.
तुमने अपने बेचैन मन की बात अपनी सखी को बताई. तुम्हारी सखी ने सुझाया कि तुम्हें वन में ले जाकर छुपा देगी और वहां रहकर तुम भोलेनाथ को प्राप्त करने की तपस्या करना. तुम्हारे पिता तुम्हें महल में नहीं पाकर दुखी और परेशान हो गए कि यदि विष्णुदेव बारात लेकर आ गए और तुम महल में नहीं मिली तो क्या होगा? उन्होंने तुम्हारी बहुत तलाश की लेकिन तुम नहीं मिली.
तुम तो तपस्या में मग्न थी और तुमने शिवलिंग बना कर मेरी आराधना की जिससे प्रसन्न होकर मैंने तुम्हारी मनोकामना पूर्ण की. तुमने अपने पिता से कहा कि- पिताश्री! मैंने अपने जीवन का समय भोलेनाथ की तपस्या में बिताया है जिससे प्रसन्न होकर उन्होंने मुझे स्वीकार भी कर लिया है. अब मैं आपके साथ तभी चलूंगी जब आप मेरा विवाह भगवान शिव के साथ ही करेंगे. पिताश्री ने तुम्हारी इच्छा स्वीकार कर ली और तुम्हें महल वापस ले गये. इसके बाद उन्होंने विधि-विधान से हमारा शुभ विवाह किया.
भगवान शिव ने कहा- हे पार्वती! तपस्या करके जो व्रत किया था, उसी के परिणाम स्वरूप यह शुभ विवाह संभव हो सका, इसलिए इस व्रत को पूर्ण निष्ठा से करने वाली हर स्त्री को मनोवांछित शुभ फल देता हूं. इस व्रत को जो भी स्त्री पूर्ण श्रद्धा से करेंगी उसे अखंड सौभाग्य प्राप्त होगा. इस दिन निर्जला व्रत और भगवान शिव और देवी पार्वती की सपरिवार पूजा की जाती है. सायंकाल व्रत की कथा सुनी जाती है. देवी पार्वती और भोलेनाथ की कृपा से हर मनोकामना पूरी होती है!
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 7 अगस्त 2024
* सूर्योदय 06:05, सूर्यास्त 19:11
* चन्द्रोदय 08:21, चन्द्रास्त 21:04
* शक संवत 1946, विक्रम संवत 2081
* अमांत महीना श्रावण, पूर्णिमांत महीना श्रावण
* वार बुधवार, पक्ष शुक्ल, तिथि तृतीया - 22:05 तक, नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी - 20:30 तक, योग परिघ - 11:42 तक, करण तैतिल - 08:56 तक, द्वितीय करण गर - 22:05 तक
* सूर्य राशि कर्क, चन्द्र राशि सिंह - 03:15, (8 अगस्त 2024) तक
* राहुकाल 12:38 से 14:16
* अभिजीत मुहूर्त - नहीं
बुधवार चौघड़िया- 7 अगस्त 2024
* दिन का चौघड़िया
लाभ - 06:05 से 07:43
अमृत - 07:43 से 09:21
काल - 09:21 से 11:00
शुभ - 11:00 से 12:38
रोग - 12:38 से 14:16
उद्वेग - 14:16 से 15:54
चर - 15:54 से 17:33
लाभ - 17:33 से 19:11
* रात्रि का चौघड़िया
उद्वेग - 19:11 से 20:33
शुभ - 20:33 से 21:54
अमृत - 21:54 से 23:16
चर - 23:16 से 00:38
रोग - 00:38 से 02:00
काल - 02:00 से 03:22
लाभ - 03:22 से 04:43
उद्वेग - 04:43 से 06:05
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- समय की अनुकूलता का आभास होगा. परिवारजनों के सहयोग से कोई बड़ा काम हो सकता है. जमीन जायदाद से संबंधित मामले आज सुलझ सकते है. न्यायपक्ष मजबूत होगा.
वृष राशि:- दिन की शुरुआत में आलस के चलते कुछ न करने का मन होगा. जरूरी कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण करें. लेन-देन में सावधानी रखें. पुराने मित्रों से भेंट होगी. निवेश से लाभ संभव है.
मिथुन राशि:- कारखाने में नई मशीनरी के लगने से लाभ होगा. समय अपने पराये की पहचान करा देगा. जीवनसाथी के व्यवहार में परिवर्तन आयेगा. वाहन सुख संभव है. यात्रा हो सकती है.
कर्क राशि:- आप की चंचलता के चलते संबंध कमजोर होंगे. किसी भी कार्य को करने से पहले उसे समझें उसके प्रति समर्पित रहें, तो ही आप सफल होंगे. शेयर वायदा से जुड़े लोग आज सतर्कता से निवेश करें. न्यायपक्ष कमजोर रहेगा.
सिंह राशि:- समय रहते कार्यों को पूर्ण करें. लंबे समय स्वं भूमि संबंधी कार्य रुका हुआ है, उसके प्रति आप लापरवाही कर रहे है. समय रहते कार्यवाही करें. अन्यथा भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.
कन्या राशि:- किसी भी कार्य को करने के लिए आत्मविश्वास होना चाहिये. हिम्मत से आगे बड़े सफलता मिलेगी. घरेलू खर्च बढ़ेंगे. पुराने मित्रों से मुलाक़ात हो सकती है. जल्दबाजी में गलत फैसले लेने से बचें.
तुला राशि:- कार्यों में रुकावट आ सकती है. कार्यस्थल पर बार-बार खराब हो रही मशीनरी के लिए आपने कार्य स्थल पर वास्तु अनुरूप परिवर्तन कराने से लाभ होगा विवाह प्रस्ताव आज आ सकते है.
वृश्चिक राशि:- मांगलिक कार्यों में खर्च होगा. विरोधी सक्रिय होंगे. कारोबार में विस्तार होगा. नए मित्र बनेंगे. धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी. रिश्तो में दरार आ सकती है.
धनु राशि:- पारिवारिक सोहार्द बना रहेगा. किसी रिश्तेदार की मदद से कार्य पूर्ण होंगे. व्यापार में परिवर्तन के योग है. ससुराल पक्ष से सुखद समाचार प्राप्त होंगे.
मकर राशि:- अपने प्रोफेशन से आप न खुश है, समय के साथ स्थिति आप के अनुकूल बनेगी. जीवनसाथी का व्यवहार मनोबल बढ़ाएगा. कर्ज लेने की स्थिति निर्मित हो सकती है.
कुम्भ राशि:- अपने सहकर्मियों से बातों में नर्मी लायें. विदेश में व्यापार स्थापित करने का विचार सफल होगा. नौकरी बदलने के योग बन रहे है. किसी की सिफारिश से काम बन सकता है.
मीन राशि:- हितकारी समय चल रहा है. सप्रयोजन यात्रा से लाभ होगा. महत्वपूर्ण अनुबंध आज हो सकते है. नेत्र रोग से पीड़ित रहेंगे. समय पर कार्य करना सीखें
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
ज्योतिष के अनुसार कुंडली के सातवें भाव में सूर्य के प्रभाव को जानना चाहिए
कुंडली के अनुसार साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रभाव में बिना किसी कारण कलंक और बदनामी
जन्म कुंडली के अनुसार अष्टम भाव में गुरू का प्रभाव
कुंडली में षोडश वर्ग को समझे फिर देखें फलादेश की सटीकता व सफलता
जन्म कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य शनि की युति हो तो दो शादी के योग