कुंडली में सप्तम भाव में सूर्य शनि की युति हो तो दो शादी के योग बनते है.
लग्नेश लग्न में ही हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
कुंडली में ग्यारवे स्थान का मालिक सप्तम भाव में हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
सप्तम भाव का मालिक यदि ग्यारवे स्थान में हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
अष्टमेश अकेला सप्तम भाव या लग्न में हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
षष्टेश और सप्तमेश एक साथ अष्टम स्थान में हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
कुंडली में शुक्र राहु की युति लग्न में हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
बारवे स्थान पर नीच का मंगल बैठा हुआ हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
सप्तम भाव का मालिक बारवे स्थान पर हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
बारवे स्थान का मालिक सप्तम भाव में हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
सप्तम भाव में शुक्र मंगल की युति हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
लग्न में शुक्र मंगल की युति हो तो दो शादी या एक से अधिक सम्बन्ध के योग बनते है.
लग्न में शुक्र केतु की युति हो तो भी दो शादी के योग बनते है
सप्तम में नीच का शुक्र हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
सप्तम भाव में नीच का मंगल हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
सप्तम भाव में मंगल शनि की युति हो तो भी दो शादी के योग बनते है.
Astro nirmal
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जन्म कुंडली मे डाक्टर बनने के ज्योतिष के कुछ योग
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