- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8875863494)
* नाग पंचमी - शुक्रवार, 9 अगस्त 2024
* नाग पंचमी पूजा मूहूर्त - 06:06 से 08:42
* वागड़, गुजरात में नाग पंचमी शुक्रवार, 23 अगस्त 2024 को
* पंचमी तिथि प्रारम्भ - 9 अगस्त 2024 को 00:36 बजे
* पंचमी तिथि समाप्त - 10 अगस्त 2024 को 03:14 बजे
जन्म पत्रिका में काल सर्प योग कई बार जीवन में सफलता में बाधा बनता है, इसे दोष मानकर परेशान न हों, कई ऐसे व्यक्ति हैं जिनकी कुण्डली में काल सर्प योग होने पर भी वे सफलतम रहे हैं, इसलिए यदि कुण्डली में काल सर्प योग है तो शांति के लिए करें-
* यदि जन्म पत्रिका में काल सर्प योग है और उसके कारण नुकसान हो रहा है तो ससमय शांति पूजा करें.
* काल सर्प योग के कारण बाधा-परेशानियां हैं तो नाग पंचमी के दिन नाग प्रतिमा स्थापित कर कच्चा दूध अर्पित करते हुए पूजा करें,
* सम्भव हो तो सपेरे द्वारा पकड़े गए सर्प को बंधन मुक्त करवाएं.
* प्रतिदिन सर्प-सुक्त का पाठ करें.
* भगवान शिव का अभिषेक करें और चाँदी के नाग-नागन का जोड़ा बहते पानी में प्रवाहित करें.
* घर में मोर-मुकुट धारण किए श्रीकृष्ण की मूर्ति-चित्र रखें और यथाशक्ति 'ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय' जाप करते हुए पूजा करें.
* राहु और राहु की दशा से प्रभावित व्यक्ति प्रतिदिन सरस्वती मंत्र पूजा करें.
* देवी सरस्वती की पूजा से भ्रम की स्थिति से मुक्ति मिलती है, राहु से संबंधित परेशानी में देवी सरस्वती की पूजा-आराधना करके लाभ प्राप्त किया जा सकता है!
-सरस्वती वंदना-
या कुन्देदुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता.
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना..
या ब्रह्माच्चुत शंकरप्रभृतिभिदैवे: सदा वंदिता
सा माम् पातु सरस्वती भगवती नि:शेषजाड्यापहा..
* नागपाश मुक्तिदाता श्री हनुमान की पूजा और सुन्दरकांड का पाठ भी लाभदायक है.
अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेह दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम.
सकलगुण निधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रिय भक्तं वातजातं नमामि..
* राहु छाया ग्रह है जो व्यक्ति को मतिभ्रम की स्थिति में ले आता है, जैसे छाया का स्थाई अस्तित्व होता नहीं है, पर नजर आती है वैसे ही राहु का कुप्रभाव स्थाई होता नहीं है पर महसूस होता है!
* राहु की दशा-अंतरदशा में यह विचलित कर देता है तथा व्यक्ति अज्ञात भय से ग्रस्त रहता है!
धर्म कथानुसार.... राजा परीक्षित की मृत्यु तक्षक नामक नाग के काटने से हुई थी. जनमेजय जो अर्जुन के पौत्र, परीक्षित के पुत्र थे, ने नागों से बदला लेने और नागवंश के विनाश के लिए नाग यज्ञ किया. नागों की रक्षा के लिए इस यज्ञ को ऋषि जरत्कारु के पुत्र आस्तिक मुनि ने रोका.
जब इस यज्ञ को रोका गया उस दिन श्रावण मास की पंचमी तिथि थी इसलिए तब से नाग पंचमी पर्व मनाने की परंपरा शुरू हुई.
वैसे पौराणिक काल से ही नाग को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है. धर्मग्रंथों के अनुसार ब्रह्मा के पुत्र ऋषि कश्यप की चार पत्नियाँ थी. ऐसा माना जाता है कि उनकी पहली पत्नी से देवता, दूसरी पत्नी से गरुड़ और चौथी पत्नी से दानव उत्पन्न हुए, लेकिन उनकी तीसरी पत्नी कद्रू थी, जिनका संबंध नागवंश से था, वहीं से नागों की उत्पत्ति हुई!
ऐसे करें नाग पंचमी पूजा-व्रत
* स्थानीय धर्मगुरु के निर्देशानुसार नाग पंचमी की पूजा-व्रत करें क्योंकि अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग पंचमियों को नाग पंचमी मनाई जाती है.
* इस पूजा के आठ नागदेव हैं- अनन्त, वासुकी, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख, इन अष्टनानागों की पूजा होती है.
* चतुर्थी के दिन एक समय भोजन करें और पंचमी के दिन पूजा-कथा करके शाम को भोजन करें.
* पूजा करने के लिए यदि नागमंदिर न हो तो मिट्टी की नागमूर्ति, चित्र आदि को प्रतिष्ठित कर पूजा करें.
* स्थानीय पूजा विधि से हल्दी, रोली, चावल, फूल आदि चढ़ाएं.
* पूजा के बाद कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नागदेव को अर्पित करें.
* पूजा के बाद नागदेव की कथा सुने, आरती करें.
* कथा का उद्देश्य नाग पंचमी के महत्व को दर्शाना है इसलिए स्थानीय प्रचलित कथा सुने-सुनाएं.
* जो व्यक्ति कालसर्प योग के कुप्रभाव की गिरफ्त में हैं वे इस अवसर का सदुपयोग करें, पूजा करें और संभव हो तो सपेरे के बंधन से किसी सांप को मुक्त करवाएं!
* धर्मग्रंथों के अनुसार नाग दो तरह के होते हैं- दिव्य और भौम. इनमें से दिव्य सर्प देवकार्य करते हैं जबकि पृथ्वी पर विचरण करने वाले विषयुक्त शेष सर्प करीब अस्सी प्रकार के होते हैं.
* ऐसा माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन पूजा करने वाले व्यक्ति और उसके परिवार को सर्प भय नहीं होता है.
* नाग पंचमी के दिन नागदेव को दूध अर्पित करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है!
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 9 अगस्त 2024
* सूर्योदय 06:06, सूर्यास्त 19:09
* चन्द्रोदय 10:00, चन्द्रास्त 22:01
* शक सम्वत 1946, विक्रम सम्वत 2081
* अमान्त महीना श्रावण, पूर्णिमान्त महीना श्रावण
* वार शुक्रवार, पक्ष शुक्ल, तिथि पञ्चमी - 03:14, (10 अगस्त 2024) तक, नक्षत्र हस्त - 02:44, (10 अगस्त 2024) तक, योग सिद्ध - 13:46 तक, करण बव - 13:55 तक, द्वितीय करण बालव - 03:14, (10 अगस्त 2024) तक
* सूर्य राशि कर्क, चन्द्र राशि कन्या
* राहुकाल 11:00 से 12:38
* अभिजित मुहूर्त 12:11 से 13:04
शुक्रवार चौघड़िया- 9 अगस्त 2024
* दिन का चौघड़िया
चर - 06:06 से 07:44
लाभ - 07:44 से 09:22
अमृत - 09:22 से 11:00
काल - 11:00 से 12:38
शुभ - 12:38 से 14:15
रोग - 14:15 से 15:53
उद्वेग - 15:53 से 17:31
चर - 17:31 से 19:09
* रात्रि का चौघड़िया
रोग - 19:09 से 20:31
काल - 20:31 से 21:54
लाभ - 21:54 से 23:16
उद्वेग - 23:16 से 00:38
शुभ - 00:38 से 02:00
अमृत - 02:00 से 03:22
चर - 03:22 से 04:44
रोग - 04:44 से 06:06
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज आप को पदोन्नति का मौका मिलने की भरपूर संभावना है. व्यवसाय करने वालों के लिए भी समय अच्छा साबित हो सकता है. शैक्षणिक मोर्चे पर अच्छी तैयारी के साथ ही किस्मत भी आपके साथ रहेगी.
वृष राशि:- आज व्यापार करने वालों के लिए समय अनुकूल रहेगा और कोई बड़ा आकर्षक सौदा हो सकता है. शैक्षणिक स्तर पर आपकी तैयारी कई सारे रोजगार के रास्ते खोल सकती है.
मिथुन राशि:- आज का दिन घर में नौजवानों की वजह से थोड़ी मानसिक परेशानी हो सकती है. कोई नकचढ़ा ग्राहक वरिष्ठ सहकर्मी आपका दिन खराब कर सकता है. शैक्षणिक स्तर पर काम या परियोजना समय पर पूरा नहीं करने की वजह से आप मुश्किल में पड़ सकते हैं.
कर्क राशि:- आज आप उस मोड़ पर हैं, जहां से वापस होना आसान नहीं होगा. व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों ही मोर्चों पर सितारे आपके पक्ष में हैं. कोई खुशखबरी मिल सकती है. स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना आपके लिए फायदेमंद साबित होगा.
सिंह राशि:- आज जीवनसाथी के साथ बहस करना आपकी मनोदशा खराब कर सकता है. सामाजिक स्तर पर आपकी साख खराब होने की आशंका है, थोड़ा सावधान रहें. जो काम आपको सौंपा गया है, उसे आप आसानी से निभा पाएंगे.
कन्या राशि:- आज तंदुरुस्ती को लेकर सजगता बढ़ेगी और आप पुरानी काया वापस पाने के लिए जिम या व्यायाम का रुख कर सकते हैं. शैक्षणिक मोर्चे पर कड़ा मुकाबला शुरू होने वाला है.
तुला राशि:- आज का दिन पेशेवर तौर पर कोई भी जिम्मेदारी लेने से पहले अच्छी तरह सोच लें, क्योंकि संभव है कि आप जैसा सोच रहे हैं स्थिति वैसी न हो. परिवार के किसी सदस्य पर नजर बनाए रखने की जरूरत है.
वृश्चिक राशि:- आज कार्यस्थल पर आपका काम वरिष्ठ की नजर में आ रहा है जिसका फायदा मिल सकता है. कुछ छात्रों को स्कॉलरशिप मिल सकती है. किसी अनजाने स्रोत से पैसे की आमदनी हो सकती है.
धनु राशि:- आज के दिन आपकी मेहनत और अलग दृष्टिकोण की वजह से कार्यस्थल पर आपका रुतबा बढ़ेगा. शैक्षणिक मोर्चे पर लगातार प्रयास की वजह से कुछ खास व्यक्तियों का मार्गदर्शन आपको मिल सकता है.
मकर राशि:- आज का दिन घर का नौजवान उम्मीद से कम साबित हो सकता है, लेकिन डांटने के बदले उसकी मदद करें. शाम को प्रेमी के साथ बाहर जाने की योजना की वजह से कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, लेकिन आप इससे बचने के लिए कोई रोमांचक हल निकाल सकते हैं.
कुम्भ राशि:- आज का दिन तरक्की पाने के लिए आप बड़ी जिम्मेदारी निभाएंगे. स्टॉक का काम करने वालों के लिए विशेष आमदनी का दिन साबित हो सकता है. शारीरिक तौर पर पुरानी अवस्था में आने के लिए आप एक बार फिर जी-तोड़ मेहनत करेंगे.
मीन राशि:- आज के दिन नकारात्मक और गुस्से वाला विचार आपको मानसिक रूप से परेशान कर सकता है. आप सकारात्मक बने रहने की कोशिश करें. रोमांटिक मोर्चे पर आप किसी के साथ मन की बात साझा कर सकते हैं.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
ज्योतिष के अनुसार कुंडली के सातवें भाव में सूर्य के प्रभाव को जानना चाहिए
कुंडली के अनुसार साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रभाव में बिना किसी कारण कलंक और बदनामी
जन्म कुंडली के अनुसार अष्टम भाव में गुरू का प्रभाव
कुंडली में षोडश वर्ग को समझे फिर देखें फलादेश की सटीकता व सफलता
जन्म कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य शनि की युति हो तो दो शादी के योग