बेंगलुरु. कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ जमीन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में केस चलेगा. राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने आज इसकी आधिकारिक अनुमति दे दी है. सिद्धारमैया पर मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) की जमीन के मुआवजे के लिए फर्जी दस्तावेज लगाने का आरोप है.
26 जुलाई को राज्यपाल ने नोटिस जारी कर सीएम सिद्धारमैया से 7 दिन में जवाब मांगा था. 1 अगस्त को कर्नाटक सरकार ने राज्यपाल को नोटिस वापस लेने की सलाह दी और उन पर संवैधानिक शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया. MUDA घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नीए साले व कुछ अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की गई है. एक्टिविस्ट टीजे अब्राहम, प्रदीप और स्नेहमयी कृष्णा का आरोप है कि सीएम ने MUDA के अधिकारियों के साथ मिलकर महंगी साइट्स को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए. गौरतलब है कि साल 1992 में अर्बन डेवलपमेंट संस्थान मैसूर अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA ) ने कुछ जमीन को रिहायशी इलाके में विकसित करने के लिए किसानों से ली थी. इसके बदले MUDA की इंसेटिव 50-50 स्कीम के तहत अधिग्रहित भूमि मालिकों को विकसित भूमि में 50 प्रतिशत साइट या एक वैकल्पिक साइट दी गई. 1992 में MUDA ने इस जमीन को डीनोटिफाई कर कृषि भूमि से अलग किया था. 1998 में अधिगृहित भूमि का एक हिस्सा MUDA ने किसानों को डेनोटिफाई कर वापस कर दिया. यानी एक बार फिर ये जमीन कृषि की जमीन बन गई. भाजपा सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि यह 3 हजार से 4 हजार करोड़ रुपए का घोटाला है. इसमें सिद्धारमैया का परिवार शामिल है. कांग्रेस इस पर चुप्पी साधे हुए है. राज्यपाल ने जांच के आदेश दिए हैं उनका शुक्रिया.
सिद्धारमैया ने कहा भाजपा सरकार में पत्नी को मिली जमीन-
आरोपों पर सिद्धारमैया ने कहा कि 2014 में जब मैं मुख्यमंत्री रहा तो पत्नी ने मुआवजे के लिए आवेदन किया था. मैंने पत्नी से कहा था कि जब तक मैं CM हूं तब तक मुआवजे के लिए आवेदन ना किया जाए. 2020-21 में जब भाजपा की सरकार बनी उस वक्त पत्नी को मुआवजे की जमीन आवंटित की गई. भाजपा सिर्फ मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाने की कोशिश कर रही है.
सिद्धारमैया की पत्नी की 3 एकड़ जमीन से जुड़ा है घोटाला-
गौरतलब है कि सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास मैसूर जिले के केसारे गांव में 3 एकड़ व 16 गुंटा जमीन थी. ये जमीन पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने उन्हें 2010 में गिफ्ट में दी थी. MUDA ने इस जमीन को अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर स्टेज 3 लेआउट विकास किया था. हालांकि इस जमीन के बदले 2022 में बसवराज बोम्मई सरकार ने पार्वती को साउथ मैसूर के पॉश इलाके में 14 साइट्स दिए गए थे. इनका 50-50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,283 वर्ग फीट एरिया था.
सिद्धारमैया पर लगे है ये आरोप-
-1998 से लेकर 2023 तक सिद्धारमैया कर्नाटक में डिप्टी CM या CM जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे. भले ही सीधे तौर पर वे इस घोटाले से न जुड़े हो, लेकिन उन्होंने अपनी पावर का इस्तेमाल कर करीबी लोगों को मदद की.
-सिद्धारमैया की पत्नी को 1998 से लेकर 2023 तक सिद्धारमैया कर्नाटक में डिप्टी CM या CM जैसे प्रभावशाली पदों पर रहे. भले ही सीधे तौर पर वे इस घोटाले से न जुड़े होए लेकिन उन्होंने अपनी पावर का इस्तेमाल कर करीबी लोगों को मदद की.
- MUDA की ओर से मुआवजे के तौर पर मिले विजयनगर के प्लॉट की कीमत केसारे गांव की उनकी जमीन से बहुत ज्यादा है.
-सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के भाई मल्लिकार्जुन ने साल 2004 में डेनोटिफाई 3 एकड़ जमीन अवैध रूप से खरीदी थी. 2004-05 में कर्नाटक में फिर कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार में सिद्धारमैया डिप्टी सीएम थे.
-योजना के तहत जिन लैंड ओनर्स की भूमि MUDA द्वारा अधिग्रहित की गई है. उन्हें मुआवजे के रूप में अधिक मूल्य की वैकल्पिक साइटें आवंटित की गई हैं. साथ ही रियल एस्टेट एजेंट्स को भी इस स्कीम में जमीन दी गई है.
-भूमि आवंटन घोटाले का खुलासा एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने करते हुए कहा किए पिछले चार वर्षों में 50-50 योजना के रूप में जानी जाने वाली योजना के तहत 6000 से अधिक साइटें आवंटित की गई हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कर्नाटक विधानसभा में NEET के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया, मेडिकल प्रवेश के लिए अब KCET का प्रस्ताव..!
बेंगलुरु: धोती पहनकर पहुंचे किसान को नहीं दी मॉल में एंट्री, कर्नाटक सरकार ने लिया बड़ा एक्शन
कर्नाटक का बीजेपी नेता चावल चोरी मामले में गिरफ्तार, छह हजार क्विंटल खाद्यान्न हुआ था गायब
7th Pay Commission: कर्नाटक सरकार ने की कर्मचारियों के वेतन में 27% से अधिक बढ़ोतरी
कर्नाटक में दर्दनाक हादसा: यात्री बस और लॉरी के बीच भीषण टक्कर, 9 लोगों की मौत, 15 से अधिक घायल